विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचार के दौरान शराब बांटने का नेताओं ने नया तरीका ईजाद कर दिया है। ‘कोड’वाले नोट के जरिये शराब बंटवाई जा रही है। ऐसे में पुलिस से पकड़े जाने का जोखिम भी नहीं है और शराब संबंधित जगह तक पहुंच जा रही है। इस जुगाड़ में पर्ची के बजाय अब 10, 20 और 50 रुपये के नोट पर शराब बांटी जा रही है। इस हथकंडे में नोट का सीरियल नंबर डिलीवरी कोड के तौर पर इस्तेमाल हो रहा है। सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर ‘हिन्दुस्तान’ टीम ने इसकी पड़ताल की। दिए गए नंबर पर फोन करने पर एक शख्स स्कूटर से आईएसबीटी फ्लाईआवर के पास पहुंचा। यहां शख्स ने कुछ सवाल पूछे, फिर कनफर्म होने के बाद शख्स ने जेब से 20 रुपये का नोट निकालकर थमा दिया और एक शराब ठेके का पता बताते हुए नोट को वहां काउंटर पर देने को कहा।
बताए गए शराब के ठेके पर एक व्यक्ति रजिस्टर लेकर बैठा था। नोट देते ही उसने रजिस्टर में नोट का नंबर लिखा। नाम और मोबाइल नंबर भी पूछा। डिटेल नोट करते ही रजिस्टर वाले व्यक्ति का इशारा मिलते ही झट से एक सेल्समैन ने पांच बोतल शराब की काउंटर पर निकालकर रख दीं। इसी बीच दूसरा युवक 20 रुपये का नोट और काले रंग का बैग लेकर पहुंचा। यही घटनाक्रम उसके साथ दोहराया गया और युवक को शराब की पांच बोतल दे दी गईं।
चुनाव में अवैध शराब पर कार्रवाई की जा रही है। बड़ी मात्रा में शराब जब्त कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अगर ठेकों से इस तरह से शराब लेने की सूचना है तो इसकी जांच कराकर कार्रवाई कराई जाएगी।
डॉ. आर राजेश कुमार, डीएम देहरादून
ऐसे होता है खेल
दरअसल, एक सीरीज के नोट का इसमें इस्तेमाल होता है। नोटों के सीरियल नंबर पहले ही ठेके पर नोट करा दिए जाते हैं। जिस व्यक्ति को शराब दी जाती है, उसे यह नोट दिए जाते हैं। नोट ठेके पर देने के बाद वहां बैठा व्यक्ति सीरियल नंबर का मिलान करता है और फिर शराब की बोतलें पकड़ा देता है। शाम को जितने नोट जमा होते हैं, उस हिसाब से पेमेंट कर दी जाती है।
न शराब स्टोर करने की जरूरत, न पुलिस की टेंशन
नोट से शराब बांटने के तरीके में न शराब का स्टॉक जमा करना पड़ता है, न ही पुलिस कार्रवाई की टेंशन। दरअसल, बल्क में शराब इधर-उधर ले जाने में पकड़ने का खतरा रहता है। स्टॉक जमा करने पर भी पुलिस या सचल दल कार्रवाई कर सकता है। इसके तोड़ में पहले पर्ची सिस्टम चलने लगा, लेकिन इसमें पुलिस पकड़ने लगी, क्योंकि पर्ची पर सीधे शक होता था। अब कार्रवाई से बचने के लिए नोट के सीरियल नंबर को कोड के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें ठेके से शराब लेने वाले पर कोई शक नहीं करता। न ही पर्ची के चक्कर में पकड़ने का डर रहता है।
दोपहर तीन बजे तक चार लोग ले चुके थे शराब
पड़ताल के दौरान दोपहर तीन बजे तक चार लोग 20-20 रुपये के नोट पर पांच-पांच बोतल शराब ले चुके थे। पूछने पर रजिस्टर लेकर बैठे व्यक्ति ने बताया कि शाम को भीड़ होती है। नोट पकड़ाने आए शख्स ने बताया कि दस रुपये के नोट पर दो बोतल, 20 रुपये के नोट पर पांच और 50 रुपये के नोट पर 10 बोतल शराब मिलती है। 50 रुपये का नोट खास व्यक्ति को मिलता है, जिसके पास कई लोगों की जिम्मेदारी रहती है। आमतौर पर 10 और 20 रुपये के नोट ही थमाए जाते हैं। यह भी बताया कि इस समय पीक चल रहा है। 12 फरवरी की शाम तक यह खेल चलेगा।