साध्वी बलात्कार केस में दोषी ठहराने के बाद बीस साल की सजा पाए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम के जेल के बाद उसके उत्तराधिकारी को ढूंढने की कवायद शुरु हो गई थी। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि राम रहीम की मुंहबोली बेटी को हनीप्रीत को डेरे की कमान सौंपी जाएगी लेकिन हाल ही में आई रिपोर्ट्स ने इन कयासों को खारिज कर दिया था और बताया जा रहा था कि राम रहीम के परिवार की सहमति से उसके बेटे जसमीत को उसका उत्तराधिकारी बनाया जाएगा। अब आ रही खबरों की मानें तो न ही हनीप्रीत और न ही जसमीत बल्कि राम रहीम की सगी बेटी चरणप्रीत को डेरे की कमान मिलने वाली है।
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डेरे की कमान चरणप्रीत को मिलने की बात इसलिए की जा रही है क्योंकि राम रहीम की वसीयत में उसकी सारी जायदाद चरणप्रीत के नाम होने की बात कही गई है। फिलहाल अभी यह तय नहीं हुआ है कि अब डेरा प्रमुख कौन बनेगा लेकिन जैसे ही इस राज से पर्दा उठेगा लेकिन आपसी रिश्तों में काफी खटास आने के आसार नजर आ सकते हैं। ऐसा नहीं है कि राम रहीम को अपना पद छोड़ना होगा क्योंकि अगर वे चाहें तो इस प्रमुख पद को अपने पास ही रख सकते हैं।
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इससे पहले आई खबरों के मुताबिक राम रहीम के डेरे के पास करीब 1100 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। इस मामले को लेकर राम रहीम के पैतृक गांव गुरुसर मोडिया में एक बैठक भी की गई थी, जिसमें राम रहीम के बेटे जसमीत को प्रमुख बनाने को लेकर चर्चा की गई। दैनिक भास्कर के अनुसार इस बैठक में केवल राम रहीम के परिवार के लोग ही शामिल हुए थे जिसनें मां नसीब कौर, पत्नी हरजीत कौर और बेटा जसमीत शामिल थे। इस बैठक में राम रहीम द्वारा गोद ली गई बेटियों को शामिल नहीं किया गया था। जसमीत को डेरा प्रमुख बनाने के लिए उसका परिवार कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
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