वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दहलीज पर कभी भी आप खड़े ना हो वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दहलीज पर कभी भी आप खड़े ना हो
घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकते हैं लेकिन कुछ और ऊर्जा ऐसी होती हैं जिन्हें हम खुद बाधित करते हैं जैसे कि कुछ ऐसी आदतें जिन्हें नहीं करनी चाहिए और वह करते हैं जिनसे हमारे यहां अशुभ ऊर्जा का प्रवेश होने लगता है। कुछ लोग होते हैं जो हमारे घर की दहलीज पर नहीं करनी चाहिए अगर आप शाम के समय दहलीज पर खड़े होते हैं तो धन की कमी आती है।
शाम के समय चौखट पर ना खड़े हैं
संध्या बेला के समय आप दहलीज पर ना खड़ा क्योंकि अगर आप शाम को खड़े होते हैं तो आपके यहां धन का प्रवेश होना बंद हो जाता है और धन हानि होना शुरू हो जाती है इसलिए कहा जाता है कि संध्या बेला के समय घर की दहलीज पर कदम या खड़े नहीं होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दहलीज के नीचे वाली लकड़ी को देहली चौखट या डेली बोलते हैं। वास्तु शास्त्रियों के अनुसार घर में बनी चौखट को दहलीज और डेहरी माना जाता है इसके अलावा नीचे वाली लकड़ी को द्वार पिंडी डेहरी बरोठा के नाम से भी जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार देहरी का बहुत अहम महत्व है।
खंडित ना हो देहली
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में बनी दहलीज खंडित नहीं होनी चाहिए या किसी भी तरह व टूटी फूटी नहीं होनी चाहिए। देहलीज हमेशा सुंदर और अच्छी होनी चाहिए। जिन घरों में दहलीज नहीं होती वहां वास्तु दोष होने की आसार बने रहते हैं।
दहलीज लांघ कर प्रवेश करें घर में
जब भी आप घर में बाहर से आए तो घर में प्रवेश करते समय दहलीज को लांग कर प्रवेश करें। सीधे आप जो प्रवेश करते हैं तो इससे कई सारी नकारात्मक ऊर्जा भी प्रवेश करने के आसार बने रहते हैं जिसका वास्तु दोष जैसी समस्याएं आने लगती हैं।
दहलीज पर ना करें यह काम
कभी भी आप अपनी दहलीज पर ना खड़ी हो।
दहलीज पर कभी पैर ना पटके।
दहलीज पर पैर ना रगड़े और ना ही अपनी चप्पल या जूते रगड़ें।
दहलीज पर खड़े होकर कभी ना करें चरण स्पर्श
दहलीज पर खड़े होकर कभी ना करें विदाई।