दशा को सुधारने के लिए पहले सुधारें दिशा, दूर करें वास्तुदोष

वास्तु शास्त्र का प्रभाव हर व्यक्ति के दिनचर्या और जीवन के चक्र में पड़ता है फिर चाहे वह विद्यार्थी हो या फिर व्यापारी। विद्यार्थियों की बात करें तो विद्यार्थी जीवन में मानसिक क्षमताओं का अधिक यूज होता है और विद्यार्थी जीवन के भावी नींव को रखते हैं। यही सही वक्त होता है जब हम विद्यार्थी को यानी कि कच्चे घड़े को सही से आकार दे सकते हैं।

विद्यार्थियों को दें सही दिशा

अगर सही समय पर और सही प्रकार से वास्तु शास्त्र का उपयोग कर विद्यार्थियों के जीवन को सही मायने में संपूर्ण दिशा देना जाते हैं तो यह सही वक्त है इससे आपकी शक्ति कम उपयोग होगी और थकान भी कम होगी।

कहां हो स्कूल, कारखानों और कार्यालय की दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर कारखाने स्कूल या कार्यालय सही दिशा में नहीं इसका दुष्प्रभाव होगा और आज कई कारखाने और स्कूल ऐसे हैं जो वास्तु दोष से पीड़ित है। ऐसे में अधिक परिश्रम करने के बाद भी उसका सही लाभ नहीं मिल पाता।

वास्तु दोष

कुछ कारखाने ऐसे होते हैं जो खुलने के बाद उसका सही उपयोग होता है। सही दिशा में खुले कार्यालय कारखाने दुकान और स्कूल कॉलेज का लाभ वास्तु देता है और वहां खुशहाली रहती हैं लेकिन अगर सही दिशा का चयन नहीं किया गया है तो वास्तु दोष होता है और इससे मानसिक चिंता क्रोध रोग ग्रस्त रहते हैं जिसका कारण वास्तु दोष है।

दिशा सुधारो

इसलिए जरूरी है कि हमें सबसे पहले दिशा का चयन करना चाहिए जिससे कि हमारी दशा में सुधार हो सके और जरूरी है हमें अनुभवी वास्तुशास्त्री के संपर्क में रहकर उनसे दिशा का ज्ञान ली और भवन का निर्माण तभी करें जब आपका वास्तु सही हो।

विद्यार्थी जीवन में वास्तु का महत्व

विद्यार्थी जीवन में वास्तु शास्त्र का महत्व होता है और यह 500 विद्यार्थियों में शोध किया गया है और उसकी रिसर्च के बाद ही यह दिशा तय की गई है जरूरी है कि विद्यार्थियों को करियर में सफलता मिले उन्नति प्राप्त हो और शरीर सुखी रहे ऐसे में दिशा का चयन होना बेहद जरूरी है।

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