देशभर में गौ रक्षकों को लेकर मचे बवाल के बीच विश्व हिंदू परिषद ने सफाई दी है. विहिप का दावा है कि उनके लोगों को हिंसा के लिए बदनाम किया जा रहा है. विहिप का कहना है कि इसके पीछे मांस निर्यात करने वाली लॉबी है.

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय सह सचिव सुरेंद्र जैन ने मंगलवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये दावा किया. उन्होंने कहा कि इस मामले में मीडिया सिर्फ एक तरफा चीजें दिखा रहा है. उन्होंने दावा किया कि गौ रक्षा में लगे कार्यकर्ताओं को भी हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है, लेकिन इसकी कोई चर्चा नहीं हो रही है. सुरेंद्र जैन ने कहा, ”कई जगहों पर गोवध को लेकर जब पुलिस वालों ने कार्रवाई करने की कोशिश की तो उन्हें भी हिंसा का शिकार होना पड़ा.”
मोदी सरकार से कानून की मांग
सुरेंद्र जैन ने केंद्र सरकार मांग की है कि इस संबंध में तत्काल एक कानून बनाया जाए और उसे सख्ती से लागू किया जाए. दरअसल, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौरक्षा के नाम पर की जाने वाली हिंसा को गलत ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की बात की थी. पीएम के बयान पर जब सुरेंद्र जैन से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इससे पहले खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह कह चुके हैं कि गौ रक्षा करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है. जैन ने कहा कि हम पीएम की उस बात को मानते हैं.
विश्व हिंदू परिषद ने महात्मा गांधी और विनोबा भावे का जिक्र करते हुए कहा कि यह दोनों महापुरुष भी गोवध के खिलाफ थे. महात्मा गांधी ने साफ तौर पर कहा था कि जिन लोगों को गाय का मांस खाने की आदत है उन्हें यह आदत बदल लेनी चाहिए. हालांकि सरेंद्र जैन ने कहा कि वो किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ हैं. सुरेंद्र जैन ने कहा कि केरल समेत कई जगहों पर बीफ फेस्टिवल हुआ जो बेहद ही आपत्तिजनक है. उन्होंने इसे बहुसंख्यक हिंदुओं को जानबूझकर चिढ़ाने वाला कदम करार दिया.
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