अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सरगर्मी पिछले कुछ महीनों के दौरान तेज हुई है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपसी सहमति से मामला सुलझाने का निर्देश दिया है. हालांकि वीएचपी के पूर्व अध्यक्ष विष्णुहरि डालमिया इससे सहमत नहीं.
![]()
डालमिया ने आज तक से खास बातचीत में कहा कि बाबरी ढांचा गिरने के बाद दोनों पक्षों ने कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि अगर यह बात साबित हो जाती है कि वहां पर राम मंदिर था, तो मुस्लिम समाज मंदिर बनने देगा और अगर वहां राम मंदिर होने अवशेष नहीं मिलते हैं, तो वहां बाबरी मस्जिद दोबारा बनाए जाने पर हिन्दू धर्म के लोगों को कोई आपत्ति नहीं होगी.
डालमिया कहते हैं, ‘जब इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने वर्ष 2010 में फैसला दिया था कि वहां पर पहले मंदिर था, तो ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट को सिर्फ हाईकोर्ट के फैसले में यह सुधार करना चाहिए कि वहां की पूरी जमीन पर राम मंदिर बनाने का निर्देश दे दे.
ये भी पढ़े : UNHRC में पाक को करारा जवाब, कहा- भारत एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र होगा
वीएचपी के पूर्व अध्यक्ष कहते हैं, जब कोर्ट में पहले ही दोनों पक्ष आपसी सहमति से हलफ़नामा दे चुके हैं, तो अब बातचीत की कोई ज़रूरत नहीं है. कोर्ट और सरकार को उन्हीं हलफनामों को आधार बना कर राम मंदिर बनाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए.
डालमिया साथ ही कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहिए कि वह राम मंदिर बनाने के लिए कदम क्यों नहीं बढ़ा रहे हैं. केंद्र में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है. राज्यसभा में अगर BJP के पास बहुमत नहीं हैं, तो उसके लिए भी सरकार के पास विकल्प हैं. सरकार संसद के दोनों सदनों का संयुक्त सत्र बुलाकर राम मंदिर बनाने का प्रस्ताव पारित कर सकती हैं.
डालमिया ने यह भी कहा कि राम मंदिर बनाने के लिए सरकार में इच्छाशक्ति होनी बहुत ज़रूरी है. इच्छाशक्ति के अभावा में कोई कुछ नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि अगर राम मंदिर को राजनीति से दूर रखा जाता, तो अभी तक राम मंदिर का निर्माण हो चुका होता.
वहीं बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी और वीएचपी के विभिन्न नेताओं पर षड्यंत्र का मामले चलाए जाने पर डालमिया कहते हैं कि सीबीआई ने कोर्ट में ग़लत हलफ़नामा दिया. वह हम पर बिना सबूतों के आरोप लगा रही है. वहां हममें से किसी भी नेता ने बाबरी ढांचा गिराने के लिए लोगों भड़काया नहीं था, बल्कि हमने तो सभी लोगों से अपील की थी कि वे बाबरी मस्जिद को नहीं गिराए.
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features