नई दिल्ली: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 साल से सत्ता में काबिज वाम मोर्चा सरकार को बाहर का रास्ता दिखा दिया। शनिवार को आए चुनाव नतीजों में त्रिपुरा में अकेले दम पर बहुमत हासिल कर चुकी भाजपा को नगालैंड में एनपीएफ के साथ सरकार में शामिल होने का न्यौता मिला है जबकि मेघालय में किसी को भी बहुमत नहीं मिला है लेकिन भाजपा के सत्ता में सहयोगी बनने की संभावना नजर आ रही है।
वाम मोर्चो के आखिरी गढ़ त्रिपुरा में भाजपा का जादू सिर चढ़कर बोला। राज्य में चलो पाल्टाई यानि चलो बदलें का उसका नारा कामयाब रहा और उसने अपनी सहयोगी इंडीजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा आईपीएफटी के साथ मिलकर 43 सीटें जीत लीं।
माकपा की अगुवाई वाले वाम मोर्चा को 16 सीटों पर संतोष करना पड़ाए जबकि कांग्रेस का पत्ता साफ हो गया। नगालैंड में नेशनल पीपुल्स फ्रंट एनपीएफ 29 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरा है जबकि नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी एनडीपीपी के साथ भाजपा के गठबंधन को 26 सीटें हासिल हुई हैं। हालांकि मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग की एनपीएफ ने भाजपा को सरकार में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।
मालूम हो कि चुनाव के पहले भाजपा ने एनपीएफ से नाता तोड़ एनडीपीपी से हाथ मिलाया था। भाजपा नेता हिमांता बिस्वा शर्मा के मुताबिक मेघालय में भाजपा अकेले दम पर सरकार नहीं बना सकतीए भाजपा के पास वोटों की पर्याप्त संख्या नहीं हैए इसलिए उसे क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को साथ लाना होगा।
हिमांता ने कहा कि मेरा मानना है कि पार्टियां गैर.कांग्रेस सरकार बनाने के लिए एक साथ आएंगी। मेघालय में कांग्रेस 21 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जबकि नेशनल पीपुल्स पार्टी एनपीपी को 19 सीटें हासिल हुई हैं। राज्य में 47 सीटों पर लडऩे वाली भाजपा को दो सीटों से संतोष करना पड़ा। अन्य के खाते में 17 सीटें गई हैं जिनमें यूडीपी की छहए पीडीएफ की चार और एचएसपीडीपी को दो सीटें शामिल हैं।
भाजपा ने किसी पार्टी के साथ तालमेल नहीं किया था लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर एनपीपी उसकी अगुवाई वाले एनडीए का हिस्सा है। वैसे देर रात कांग्रेस ने यहां राज्यपाल को चि_ी भेजकर खुद सरकार बनाने का दावा पेश किया है। यहां छोटे दलों की सरकार गठन में अहम भूमिका होगी।
त्रिपुरा में 18 फरवरी और जबकि नगालैंड और मेघालय में 27 फरवरी को मतदान हुआ था। त्रिपुरा में एक उम्मीदवार की मृत्यु और मेघालय में एक उम्मीदवार की हत्या के कारण दोनों राज्यों में 59.59 सीटों के लिए मतदान हुआ था।
नगालैंड में नेफ्यू रियो के निर्विरोध चुने जाने के कारण वहां भी 59 सीटों पर ही वोट डाले गए थे। त्रिपुरा में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बिप्लब देब सबसे आगे चल रहे हैं। जिम ट्रेनर से नेता बने बिप्लब ने कहा कि वह जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं लेकिन अंतिम फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा।