प्रसिद्ध सूफी दार्शनिक और कवि लाल शहबाज कलंदर एकाएक चर्चा में आ गए हैं। कई कव्वाली में उनका जिक्र आता है। गुरुवार शाम पाकिस्तान में कराची से 200 किलोमीटर दूर स्थित सूफी संत लाल शहबाज कलंदर की दरगाह में आतंकी संगठन आईएस के आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। इस दौरान दरगाह में मौजूद ढाई सौ से ज्यादा लोग जख्मी हो गए जबकि करीब 100 लोगों की मौत हो गई।गौरतलब है कि पाकिस्तान में सूफी संप्रदाय के लोगों को निशाना बनाकर अक्सर हमले होते रहते हैं। 2005 के बाद से 25 से ज्यादा सूफी दरगाहों पर हमले हुए हैं। इनमें से ज्यादातर की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ली है।आपको बता दें कि ‘दमा दम मस्त कलंदर’ एक आध्यात्मिक गीत है, जिसे पारंपरिक पंजाबी गीत भी माना जाता है। पहले इस कविता को हजरत अमीर खुसरो ने लिखा। बाद में इसमें हजरत बाबा बुल्ले शाह ने कुछ और बदलाव किए। यह गीत मूल रुप से सिंध के सूफी संत शाहबाज कलंदर के सम्मान में लिखा गया। यह संत सेहवान शरीफ, जिला जमशोरो, पाकिस्तान से ताल्लुक रखते हैं।
इस गीत को नूर जहां, उस्ताद नुसरत फतेह अली खान, आबिदा परवीन, साबरी ब्रदर्स, जूनुन बैंड जैसे गायकों के साथ ही भारतीय गायक वडाली ब्रदर्स, मिका सिंह और रेशमा ने भी आवाज दी है। यही कारण है कि यह इतना चर्चित है। इस सूफी गीत को राहत फतेह अली खान की आवाज में ‘सारेगामा गजल’ के बैनर तले इसे यूट्यूब पर शेयर किया गया है। आप भी सुनिए।