अपने देश में एक नदी ऐसी भी है, जो आपकी उम्मीद से ज्यादा साफ-सुथरी है. इतनी साफ कि नीचे का एक-एक पत्थर क्रिस्टल की तरह नजर आता है. इसमें कूड़े का एक कण भी नहीं दीखता. इसे देश की सबसे साफ नदी कहा जाता है.इस तरह से आपको जूते से भी मिलेगी अब बिजली, यकीन न हो तो ये देखे…
इस नदी का उमनगोट नदी है. ये मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 95 किलोमीटर दूर डावकी कस्बे के पास बहती नजर आती है.
मानो कांच पर तैर रहे हों
कुछ लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि इतनी साफ नदी हमारे देश में भी हो सकती है, जिसमें कूड़े का एक टुकड़ा भी कहीं नजर नहीं आता. इसकी सफाई का अंदाज इससे लग जाता है कि इस पर नाव से चलते हुए ऐसा लगता है कि वो कांच के किसी पारदर्शी टुकड़े पर तैर रही हो.
जो भी लोग इस नदी को देखकर आते हैं, उन्हें लगता है कि वो किसी और ही दुनिया में हैं, क्योंकि ऐसी नदी धरती पर होगी, ऐसा उन्हें विश्वास ही नहीं होता. नदी के चारों ओर का नजारा बहुत खूबसूरत है. यहां जाने वाले सैलानी हर किसी को यही राय देते हैं कि जीवन में एक बार उमनगाट नदी को जरूर जाएं. कुछ लोग इसकी तुलना स्वर्ग से करते हैं.बांग्लादेश-भारत के बीच बहती है
ये नदी बांग्लादेश और भारत के बीच बहती है. इसके नीचे खूबसूरत गोल पत्थरों की पूरी रूप रेखा नजर आती है. उमनगाट शिलांग के डावकी कस्बे के करीब बहती है, जो बांग्लादेश सीमा पर बसा हुआ है. जो भी लोग यहां इस नदी को देख रहे हैं, वो बताते हैं कि सैकड़ों सालों से ये नदी इतनी ही साफ है. अंग्रेजों ने इस पर एक ब्रिज भी बनवाया है. इस नदी में बड़ी संख्या में मछलियां भी मिलती हैं.
सफाई का सख्ती से पालन
जाड़े में ये नदी और भी खूबसूरत और साफ नजर आती है. यहां आने वालों से साफ कहा जाता है कि वो नदी में किसी भी तरह की गंदगी नहीं फैलाएं. स्थानीय निवासी इसका सख्ती से पालन भी करते हैं. हालांकि मेघालय के ज्यादातर पर्यटन स्थल साफसुथरे हैं