भगवान राम के परम भक्त हनुमानजी इस कलियुग के अंत तक धरती पर रहेंगे. जब कल्कि रूप में भगवान विष्णु अवतार लेंगे तब हनुमान, परशुराम, अश्वत्थामा, कृपाचार्य, विश्वामित्र, विभीषण और राजा बलि सार्वजनिक रूप से प्रकट हो जाएंगे. कलियुग में हनुमानजी, भैरव, काली और माता अम्बा को जाग्रत देव माना गया है. इनका ध्यान करने पर यह तुरंत ही सक्रिय हो जाते हैं. मातंग ऋषि के शिष्य थे हनुमानजी. हनुमानजी ने कई लोगों से शिक्षा ली थी.
सूर्य, नारद के अलावा एक मान्यता अनुसार हनुमानजी के गुरु मातंग ऋषि भी थे. मातंग ऋषि शबरी के गुरु भी थे. कहते हैं कि मतंग ऋषि के आश्रम में ही हनुमानजी का जन्म हआ था. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भगवान राम का अपने भक्त हनुमान से युद्ध भी हुआ था. गुरु विश्वामित्र के निर्देशानुसार भगवान राम को राजा ययाति को मारना था.
राजा ययाति ने हनुमान से शरण मांगी. हनुमान ने राजा ययाति को वचन दे दिया. हनुमान ने किसी तरह के अस्त्र-शस्त्र से लड़ने के बजाए भगवान राम का नाम जपना शुरू कर दिया. राम ने जितने भी बाण चलाए सब बेअसर रहे. विश्वामित्र हनुमान की श्रद्धाभक्ति देखकर हैरान रह गए और भगवान राम को इस धर्मसंकट से मुक्ति दिलाई
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