जहां हमने इंसानों की गंभीर बीमारियों पर भी काफी हद तक विजय पा ली है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ UP के बिजनौर के धामपुर में अंधविश्वास का एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
यहां एक गरीब परिवार का युवक मोनू अपने परिवार के जीवन यापन के लिये मजदूरी करने को घर से निकला था, काम करते वक्त उसको बिजली का जोरदार करंट लगा। इसके बाद उसे तुरंत नजदीकी डॉक्टर को दिखाया गया तो डॉक्टर ने उसको मृत बता दिया, लेकिन अंधविश्वास की डोर मे जकड़े ग्रामीण मृत मोनू को जिन्दा करने के लिए अनोखा तरीका अपना रहे हैं।
दरअसल ये मामला बिजनौर के धामपुर इलाके के गांव जीतन पुर का है। जहां के रहने वाले एक गरीब परिवार का लड़का मोनू सुबह मजदूरी करने को घर से निकला था, लेकिन काम करते वक्त मोनू को बिजली का करंट लग गया। बेहोशी की हालत मे मोनू को तुरंत नजदीकी डॉक्टर को दिखाया गया, लेकिन डॉक्टर ने उसको मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों ने मोनू को घर ले जाकर उसको जिन्दा करने के लिए एक अजीब और अनोखा तरीका निकाला। उन्होंने मोनू के शव को गांव के पास गाय और भैंसों के गोबर के ढेर में दबा दिया और फ़िर वे कभी तो उसकी हथेलियों को बर्तनों से रगड़ते हैं तो कभी उसके सीने को जोर से दबाते हैं। अंधविश्वास की बेडि़यों मे जकड़े परिजन और ग्रामीण ये सब क्रियाए कई घंटों तक करते रहते हैं, लेकिन अभी तक कोई भी सफलता इनको नहीं मिली है।
इतना ही नहीं गांव वालों ने गोबर के ढेर मे दबे मोनू को ग्लूकोज भी लगाया हुआ है, जहां एक तरफ़ अंधविश्वास और आडम्बर के चलते ये सब हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ़ परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, लेकिन सोचने वाली बात ये है जिस मोनू को डॉक्टर मृत घोषित कर चुके हैं तो उस मोनू को ये लोग कैसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं और वो कौन है जिसने इन्हें यह सब करने के लिये कहा है।
VIDEO CREDIT: PATRIKA