नई दिल्ली: पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार विजयादशमी धूमधाम से मनाया गया। शुक्रवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला मैदान पर तीर चलाकर रावण का पुतला दहन किया। पुतला दहन से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोगों को संबोधित भी किया।
इस मौके पर रामनाथ कोविंद ने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग खासकर कमजोर समुदायों के लोगों को सम्मान देना तथा उनके लिए काम करना जितना राम के जीवन काल में प्रासंगिक था उतना आज भी है। उन्होंने आगे कहा कि बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत के रूप में यह विजयादशमी का त्योहार मानव मूल्यों एवं आदर्शों की उत्कृष्टता का प्रतीक है।
यह एक ऐसा पर्व है जो समाज में सच्चाई व नैतिकता तथा मर्यादापूर्ण व्यवहार को अपनाने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि लंकेश रावण जैसा विद्वान एवं वैभव से परिपूर्ण एक राजा के अमानवीय तथा अनैतिक कार्यों की वजह से उसका पुतला दहन किया जाता है। राष्ट्रपति ने देशवासियों को विजयादशमी की बधाई दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का आदर्श जीवन पूरे मानव समाज के लिए विजयादशमी का मुख्य संदेश है। उन्होंने कहा कि राम.केवट मिलन या गरीब आदिवासी महिला सबरी के बेर खाना ऐसे उदाहरण हैं जो समाज में संवेदनशीलता और सद्भावना जैसे मूल्यों को अनुकरणीय बनाते हैं।
कोविंद ने कहा कि अनुशासित जीवनशैली हम सब को जिम्मेदारियों का बोध कराती है। राम कथा की शिक्षाएं जीवन में प्रासंगिक और उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि देश के समक्ष कई चुनौतियां है। इसका निराकरण धैर्य और साहस के साथ करने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने दूसरे समुदायों के त्योहारों के शुरू होने का जिक्र करते हुए कहा कि हमें वायु और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित कर स्वच्छता बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनसमूह और प्रकृति के सामंजस्य के साथ प्रभु राम ने लंकापति रावण पर विजय प्राप्त की थी। आइए हम सब रावण के पुतले के साथ अहंकार, आतंकवाद और अन्य बुराइयों का भी दहन करें।