कासगंज: गणतंत्र दिवस पर तिरंगा रैली के दौरान हिंसा की आग में तीन दिनों तक झुलसने के बाद यूपी के कासगंज में जिंदगी पटरी पर लौटती दिख रही है। सोमवार को सड़कों पर पुलिस की गश्त के बीच चहल-पहल दिखी। हालांकिए सड़कों पर आम दिनों के मुकाबले कम ही लोग दिखे।

रविवार दोपहर को ही यहां बाजार खुल गए थे और आम लोगों ने खरीदारी भी की। इसके बावजूद इस हिंसा के शिकार लोगों की कई शिकायतें उनकी बातों में साफ झलक रही थी। इन लोगों का कहना था कि यहां धीर.धीरे लोगों में विश्वास लौट रहा हैए लेकिन प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह का बवाल फिर से ना हो। इससे पहले रविवार को भी कासगंज में हिंसा हुई लेकिन पुलिस ने हालात पर जल्द काबू पा लिया और उपद्रवियों को खदेड़ दिया।
आईजी संजीव गुप्ता ने बतायाए श्अब तक 112 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इनमें 5 के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। स्थित पूरी तरह नियंत्रण में है। पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मी तैनात हैं। दूसरी ओर मुख्य आरोपी शकील अब भी फरार बताया जा रहा है।
पुलिस आरोपी की तलाश के लिए कड़ी मशक्कत कर रही है। इस दौरान पुलिस ने शकील के घर की तलाशी लीए जहां देसी बम और पिस्टल मिले। वहींए हिंसा की भेंट चढ़े चंदन गुप्ता के परिजनों ने रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रदर्शन किया और चंदन को शहीद घोषित करने की मांग की। रविवार सुबह छिटपुट बवाल के बाद जिले की सीमाएं सील कर दी गईं और धारा.144 लगा दी गई।
तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन ने पुलिस समेत पीएसीए रैपिड ऐक्शन फोर्स ;आरएएफद्ध तैनात कर दी है। जिले में इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है। प्रशासन चाहता है कि किसी भी अफवाह से अब स्थिति न बिगड़े जिसके मद्देनजर यह कदम उठाया गया। पुलिस उपद्रवियों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है।
अलीगढ़ से ड्रोन कैमरा टीम को बुलाया गया है। डीजीपी ने कहा कि लॉ ऐंड ऑर्डर बनाए रखने के लिए कोई भी कदम उठाया जा सकता है। इसी के तहत राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के दौरे पर फिलहाल प्रतिबंध लगाया गया है। डीजीपी ने कहा कि आरोपियों और असामाजिक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत पडऩे पर रासुका भी लगा सकते हैं। हमारे अधिकारी गिरफ्तारियां कर रहे हैं।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features