चेन्नई: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता स्टरलाइट कॉपर यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन बुधवार को भी जारी है। स्थानीय अस्पतालमें प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मियों के बीच हुई झड़प के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। पूरे शहर में धारा 144 लगा दी गई है। गृह मंत्रालय ने भी तमिलनाडु सरकार से मंगलवार को हुई घटना पर रिपोर्ट तलब की है। प्रदर्शन अब राज्य के दूसरे हिस्सों में भी शुरू हो गया है और चेन्नई में भी लोगों ने वेदांता के खिलाफ विरोध मार्च निकाला।
मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की कार्रवाई के दौरान हुई फायरिंग से 11 लोगों की मौत के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है। पुलिस ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े हैं। हिंसक घटना के बाद यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। धारा 144 लागू होने के बाद भी लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने भी तूतीकोरिन जाकर घायलों से मुलाकात की। हालांकि उन्हें लोगों के भारी गुस्से और विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने हासन से कहा कि आप तुरंत यहां से चले जाइएए आपकी वजह से हम लोगों को दिक्कत हो रही है। कमल हासन ने बाद में हॉस्पिटल में घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हमें यह पता चलना चाहिए कि किसने पुलिस वालों को गोली चलाने का आदेश दिया।
यह मांग मेरी नहीं बल्कि पीडि़तों की है। केवल मुआवजे की घोषणा से ही काम नहीं चलेगा। यह इंडस्ट्री बंद होनी चाहिए और यहां के लोग भी यही मांग कर रहे हैं। वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी डीएमके ने 11 लोगों की हत्या के विरोध में 25 मार्च को सभी पार्टियों के सामूहिक प्रदर्शन का ऐलान किया है। इसके साथ ही द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम एमडीएमके के अध्यक्ष वाइको ने प्रदर्शन में घायल हुए लोगों से हॉस्पिटल जाकर मुलाकात की।
वहीं सीपीएम ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मार्च निकाला। तमिलनाडु मेडिकल एजुकेशन के निदेशक डॉक्टर ए. एडविन जोए ने बतायाए कि अभी तक हमारे हॉस्पिटल में 42 लोगों को भर्ती किया जा चुका है। अधिक भीड़ से बचने के लिए कुछ लोगों को तिरुनेलवेली मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर किया जा चुका है। यहां अभी शवगृह में 10 लाशें पड़ी हैं।
अभी तक कुल 17 सर्जरी की जा चुकी है।श् पुलिस ने हॉस्पिटल के सामने इक_ा हो रही भीड़ को तितर.बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने स्टरलाइट कंपनी के यूनिट विस्तार पर फिलहाल रोक लगा दी है। बता दें कि इस प्लांट में हर साल 400000 टन कॉपर कथोड बनता हैए जिसे कंपनी बढ़ाकर 800000 करना चाहती है। स्थानीय लोगों की सबसे बड़ी समस्या इस प्लांट से होने वाले प्रदूषण से है और इसी को लेकर लोग विरोध कर रहे हैं।