लखनऊ: एप्पल कम्पनी के अधिकारी #VivekTiwariKilling के मामले में हरदोई की भाजपा विधायक रजनी तिवारी ने सिपाहियों द्वारा विवेक की हत्या किए जाने की निंदा की है। उन्होंने इस मामले में लखनऊ जिला प्रशासन व पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
रजनी तिवारी का कहना है कि लखनऊ पुलिस के इस शर्मनाक कृत्य से सरकार की छवि धूमिल हुई है। रजनी के मुताबिक घटना के बाद अधिकारी बताते रहे कि आरोपी सिपाहियों को जेल भेज दिया गया है। जबकि सिपाही प्रशांत चौधरी अपनी एफआईआर दर्ज करवाने थाने पहुंच गया और मीडिया से मुखातिब हुआ। इससे अधिकारियों की लापरवाही उजागर होती है। वहीं मृतक की बेटी ने जिलाधिकारी पर उन्हें धमकाने का भी आरोप लगाया है। विधायक रजनी तिवारी ने इस चूक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
एसआईटी ने शुरू की अपनी जान
एप्पल कम्पनी के एएसएम विवेक तिवारी की हत्या के मामले में गठित की गयी एसआईटी ने रविवार को अपनी जांच शुरू कर दी। रविवार की दोपहर टीम ने घटनास्थल पहुंच कर क्राइम सीन का रीकंस्ट्रक्शन किया। आईजी रेंज सुजीत पाण्डेय ने बताया कि उनके नेतृत्व में गठित एसआईटी ने अपना काम शुरू कर दिया है। दोपहर करीब 2 बजे आईजी सुजीत पाण्डेय टीम के साथ सबसे पहले घटनास्थल पहुंचे। जांच के लिए फारेंसिक और बैलेस्टिक टीम को भी बुलाया गया था। दस सदस्यी टीम ने सबसे पहले उस जगह पर छानबीन शुरू की जहां पर विवेक तिवारी को गोली मारी गयी थी। फारेंसिक टीम ने जांच के लिए मौके पर सड़क के नमूने, टायर के निशान और सिपाहियों की बाइक का टूटा ग्लास कब्जे में लिया। इसके अलावा फारेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पड़ी पान मसाले की पुडिया, सिगरेट के टुकड़े को भी कब्जे में लिया। घटनास्थल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी करायी गयी। इसके बाद पहले घटनास्थल के बाद एसआईटी की टीम दूसरे घटनास्थल पहुंची, जहां पर विवेक की गाड़ी खम्भे से टकरायी थी। वहां पर भी एसआईटी और फारेंसिक की टीम ने सड़क पर बिखरे विवेक के खून के नमूने और विवेक की गाड़ी से टूटा पाट्र्स को जमा किया। इसके बाद एसआईटी की टीम गोमतीनगर कोतवाली पहुंची। कोतवाली पर विवेक की गाड़ी और आरोपी सिपाहियों की बाइक खड़ी थी। बैलेस्टिक टीम ने विवेक की गाड़ी और आरोपी सिपाहियों की गाड़ी की पूरी जांच की। इसके बाद एसआईटी की टीम ने घटना की चश्मदीद सना को मौके पर बुलाने के लिए सम्पर्क किया, पर सना ने तबियत खराब होने की बात कहते हुए मौके पर आने से इनकार कर दिया।
विवेक की पत्नी की तहरीर पर दर्ज की गयी हत्या की एक और एफआईआर
लखनऊ,30 सितम्बर।
एप्पल कम्पनी के एएसएम विवेक तिवारी की हत्या के मामले में रविवार को विवेक की पत्नी कल्पना की तहरीर पर दोनों सिपाही प्रशांत और संदीप के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गयी है। यह हत्या की रिपोर्ट गोमतीनगर थाने में दर्ज करायी गयी है। इस बारे में एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि हाल में ही कोर्ट ने एक फैसला दिया था कि कुछ विशेष मामलों में एक घटना की दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की जा सकती है। उन्होंने बताया कि रविवार को जब वह परिवार वालों से मिलने के लिए उनके घर पहुंचे थे तो परिवार वालों ने अपनी तरफ से एफआईआर दर्ज कराये जाने की मांग रखी थी। इस पर एडीजी ने फौरन ही उनकी तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था। रविवार की शाम गोमतीनगर पुलिस को विवेक की पत्नी कल्पना की तहरीर मिली। इसके बाद इस मामले में दोनों सिपाहियों के खिलाफ हत्या की नामजद रिपोर्ट दर्ज कर ली गयी। इस मामले में शनिवार को विवेक के साथ मौजूद चश्मदीद गवाह सना की तहरीर पर दो अज्ञात पुलिस वालों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गयी थी।
यारों का यार था विवेक
विवेक के बचपन के दोस्त आजाद सिंह का कहना है कि वह यारों का यार था। क्रिकेट के शौकीन विवेक ने बहुत कम समय में बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। सुल्तानपुर से एनआईटी से पढ़ाई करने के बाद मेरठ के चौधरी चरण सिंह मैनेजमेंट कालेज से एमबीए की डिग्री हासिल की थी। मोबाइल कंपनी में 2004 में अपना कैरियर शुरु किया था। सूरत, जयपुर, लुधियाना, अमृतसर समेत कई शहरों में कई मोबाइल कंपनी में काम किया था। चार साल पहले उसने एप्पल कंपनी ज्वाइन की और लखनऊ आ गया था।
आखिरी बार बेटी से मैच का स्कोर पूछा था
बेटी शिवी ने बताया कि उसके पापा से उसकी अंतिम बार बात शुक्रवार को हुई थी। शुक्रवार को उसका एग्जाम था और 11 बजे पापा ने फोन कर एग्जाम के बारे में पूछा था। दोपहर के बाद उन्होंने इंडिया और बांग्लादेश का मैच था और उन्होंने फोन करने के स्कोर पूछा था। बेटी का कहना है कि पापा क्रिकेट के बहुत शौकीन थे और वह आरपी सिंह के साथ भी मैच खेल चुके हैं। वह अक्सर अपने साथियों के साथ मैच खेलते थे।
2013 में सम्मानित किया गया था विवेक
विवेक अपने काम को लेकर बहुत वफादार रहता था। एक बड़ी मैगजीन ने उसे 2013 में सफल बिजनेस इम्पलाई के रूप में सम्मानित भी किया था और मैगजीन के पहले पेज पर उसने अवॉर्ड के साथ फोटो भी प्रकाशित की गई थी। दोस्त आजाद ने बताया कि विवेक ने सिक्का डालने वाले टेलीफोन मशीन से अपना कैरियर शुरू किया था और अपनी मेहनत और लगन के बल पर दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनी में ऊंचे पद पर जगह बनायी थी।