रिटायरमेंट को लोग सुकून के साथ आनंद लेने के लिए कई योजनाओं में निवेश करते हैं। कुछ योजना निवेश के अच्छा रिटर्न भी देती है, लेकिन इसको लेकर लोगों में जानकारी कम होने पर पैसे फंस जाते हैं। कहीं रिटर्न अच्छा नहीं मिलता तो कहीं समय को लेकर माथापच्ची करनी पड़ती है। इसलिए आपको पेंशन योजना के कई विकल्पों के बारे में जानना चाहिए। आइए जानते हैं कुछ अच्छी योजनाओं के बारे में।
दो योजनाओं में तुलना
कहते हैं कि नौकरी मिलते ही रिटायरमेंट प्लान के बारे में सोचना चाहिए और निवेश करना चाहिए। हमारे देश में कई तरह की योजनाएं पेंशन के नाम पर चल रही हैं। इनमें एनपीएस और पीपीएफ काफी अच्छी मानी जाती है। लेकिन क्या आपको वीपीएफ योजना के बारे में पता है। आज हम पीपीएफ और वीपीएफ योजना के बारे में जानेंगे और तुलना करेंगे कि कौन सी योजना ज्यादा अच्छी है और बेहतर रिटर्न देती है।
पीपीएफ यानी पब्लिक प्राविडेंट फंड
पीपीएफ केंद्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली योजना है। इसमें सरकार का सहयोग है। इसमें निवेश करना काफी अच्छा है। योजना के तहत आपको जो मैच्योर राशि मिलेगी उसपर लगने वाले ब्याज पर यह पूरी तरह आयकर मुक्त होती है। पीपीएफ की लॉक इन अवधि 15 साल की होती है यानी आप 15 साल तक पैसे नहीं निकाल सकते हैं। हालांकि इसे आगे बढ़ा सकते हैं। यह 7.1 फीसद ब्याज दर देता है। इसमें जोखिम नहीं होता। जबकि एनपीएस में जोखिम होता है लेकिन रिटर्न भी बाजार के मुनाफे पर आधारित है।
वीपीएफ यानी वॉलंटरी प्राविडेंट फंड
वीपीएफ एक तरह की स्वैच्छिक तरीके से चलाई जाने वाला फंड है। इसमें निवेश करना कर्मचारी की इच्छा पर है और ब्याज देखें तो पीपीएफ से अच्छा 8.5 फीसद है। योजना के तहत कर्मचारी को अपनी बेसिक वेतन और डीए की 12 फीसद से अधिक राशिा पीएफ फंड में जमा करनी होती है। वीपीएफ में अंशदान पर आयकर की 80सी धारा के तहत छूट मिलेगी। निवेशक अगर एक साल में डेढ़ लाख रुपए वीपीएफ में जमा करें तो इसमें मैच्योरिटी पर जो ब्याज मिलेगा उसमें छूट मिलेगी। बता दें कि ईपीएफ पर मिलने वाला ब्याज दर बदलता है। साथ ही ढाई लाख से ज्यादा के अंशदान पर टैक्स लगता है। वीपीएफ में लॉक इन 5 साल की है। उससे पहले अगर पैसा निकालेंगे तो ब्याज पर टैक्स देना होगा।
GB Singh