बारिश से बाधित वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले को न्यूज़ीलैण्ड की टीम ने जीत कर इतिहास के पन्नो में अपना नाम हमेशा के लिए दर्ज करा लिया है। बता दें रिज़र्व डे पर खेले गए इस मुकाबले को न्यूज़ीलैण्ड की टीम ने 8 विकेट से जीत दर्ज कर 144 साल का सबसे बड़ा मुकाबला अपने नाम कर लिया है। हालांकि अपना आखिरी मुकाबला खेल रहे न्यूज़ीलैण्ड के विकेटकीपर बल्लेबाज बीजे वॉटलिंग ने बल्ले से कोई बड़ा कमाल न दिखाया हो पर कुछ ऐसा जरूर उन्होंने कर दिखाया जिस वजह से उनकी हर जगह चर्चा हो रही है। तो चलिए जानते हैं पूरा मामला।
ऊँगली टूटी पर डटे रहे मैदान पर
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के आखिरी दिन न्यूज़ीलैण्ड के विकेटकीपर बीजे वॉटलिंग फील्डर के एक थ्रो को पकड़ने के दौरान चोटिल हो गए थे। जिस वजह से खेल को बीच में रोकना भी पड़ा। ये घटना लंच के पहले हुई थी। बाद में पता चला की उनकी ऊँगली फ्रैक्चर हो चुकी है। लेकिन इसके बाद भी वॉटलिंग लंच के बाद विकेटकीपिंग करने के लिए टीम के साथ मैदान में उतरे। क्रिकेट के प्रति उनके इस समर्पण को लेकर उनकी हर तरफ चर्चा भी हो रही है।
ऐसे लगी थी चोट
दरअसल मैच एक बड़े रोमांचक मोड़़ पर खड़ा था। एक भी विकेट मैच की किस्मत बदल सकता था। क्रीज़ पर बैटिंग कर रहे रविंद्र जडेजा ने थर्ड मैन पर एक शॉट लगाया था। फील्डर ने बड़ी तेजी से गेंद को कलेक्ट करके विकेटकीपर वॉटलिंग के पास वापस थ्रो कर दी। बॉल जल्दी से पकड़़ कर जडेजा को रन आउट करने के प्रयास में वाटलिंग चोटिल हो गए। दरअसल बॉल उनके दस्तानों में ठीक से कलेक्ट नहीं हो पाई और उनकी ऊँगली में जा लगी। जिस वजह से उनकी ऊँगली टूट गई। बता दें कि इसके बावजूद वो मैदान से बाहर जाने की बजाय पट्टी बांध कर मैदान में डटे रहे।
जडेजा नहीं बच पाए वॉटलिंग से
इस मैच में खास बात ये थी की जिस खिलाड़ी को आउट करने के प्रयास में वॉटलिंग ने अपनी ऊँगली फ्रैक्चर करवा ली थी। उन्होंने उस खिलाड़ी का बाद में शिकार कर ही लिया। रविंद्र जडेजा को रनआउट करने के प्रयास में ही वॉटलिंग को चोट लगी थी। बाद में नील वैग्नर की एक शॉट पिच गेंद को जडेजा कंट्रोल नहीं कर पाए और वॉटलिंग ने अपनी टूटी उंगलियों से ही कैच पकड़ लिया। उनके इस बेमिसाल जज्बे को सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है। हालांकि मैच के बाद विराट ने वॉटलिंग को उनके भविष्य के लिए मुबारकबाद दे कर हाथ भी मिलाया था।
ऋषभ वर्मा