देश में पुरानी पेंशन योजना को लेकर बहस चल रही है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने तो इसे अपना चुनावी मुद्दा भी बनाया था। इन मुद्दों को अहमियत को ऐसे भी समझ सकते हैं कि बैलेट पेपर से हुए मतदान की गिनती में समाजवादी पार्टी को सबसे ज्यादा वोट प्राप्त हुए हैं। पुरानी पेंशन योजना को लेकर अभी तक केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से उसका कोई रुख सामने नहीं आ रहा था, लेकिन अब उनकी ओर से संसद में बता दिया गया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या बताया है।

संसद में क्या बोली भाजपा सरकार
केंद्र की भाजपा सरकार का रुख पेंशन को लेकर कभी साफ नहीं दिखा है। अब जब यह मुद्दा काफी तेजी से बढ़ रहा है वैसे-वैसे सरकार की नींद में खलल पड़ रही है। बढ़ती महंगाई और बढ़ती अनिश्चितता से परेशान कर्मचारी भविष्य को सुरक्षित रखना चाहते हैं इसलिए वे पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं। संसद में विपक्ष के पुरानी पेंशन को लागू करने से जुड़े सवाल पर वित्त राज्यमंत्री डा भागवत कराड ने लिखित में कहा कि केंद्र सरकार इस तरह की कोई योजना को लागू करने के संबंध में अभी कोई विचार नहीं कर रही है।
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड ने लागू की योजना
केंद्र सरकार के जवाब से कर्मचारी सकते में हैं। भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 2002-03 में पेंशन योजना को खत्म किया था जिसके बाद सरकारी नौकरी में पेंशन की व्यवस्था नहीं रह गई थी। इसके बजाय 2004 में एनपीएस योजना लागू किया था। पुरानी पेंशन को लेकर पूरे देश में कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने इसे अपने राज्य में लागू कर दिया है। अब कर्मचारी इस मामले में एकजुट दिख रहे हैं।
GB Singh
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