क्या है व्रत के नियम
हरतालिका तीज को भाद्रपद की तृतीया तिथि को मनाते हैं। यह तीज हरियाली और कजरी तीज के बाद आती है। इसमें भी अन्य तीजों की तरह निर्जल व्रत रखना होता है और महिलाएं अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद पाती हैं। इससे घर में सुख शांति आती है। इस व्रत के कुछ खास नियम है जिसका पालन करना जरूरी है। कुछ कार्यों को तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। जैसे कुछ महिलाएं व्रत के दौरान सो जाती हैं जो पूरी तरह गलत है। यह नहीं करना चाहिए। महिलाओं को सुहागिन महिलाओं को सुहाग का सामान दान करना चाहिए और सोलह श्रंगार करना चाहिए। भोलेनाथ को रात भर याद करना चाहिए।
व्रत नहीं छोड़ सकते
कहा जाता है कि तीज के व्रत को अगर एक बार छोड़ा तो फिर उसे दोबारा लेना कठिन होता है। इसलिए व्रत को नहीं छोड़ा जाता और हर साल रखा जाता है। इसके लिए उदयापन करना होता है। अगर आप नहीं रख सकतीं तो व्रत सास, देवरानी या जेठानी रख सकती हैं। व्रत में अन्न, जल फल नहीं खाते और चतुर्थी के दिन व्रत को खोलते हैं। 24 घंटे बिना पानी पिए रहना होता है। इसकी पूजा हमेशा तृतीया तिथि में ही होती है। इस दिन गोधली और प्रदोष काल में पूजा करनी चाहिए। चतुर्थी तिथि में व्रत का पारण होता है।अगर पहली बार व्रत रख रही हैं तो जो नियम कर रही हैं वही नियम करना चाहिए। अगर पानी नहीं पिया तो फिर पानी न पिएं। इस बार व्रत का शुभ मुहूर्त गुरुवार को सुबह 6 बजकर तीन मिनट से आठ बजकर 33 मिनट था। यह सुबह की पूजा का समय है। जबकि शाम को प्रदोष काल में छह बजकर 33 मिनट से रात में 8 बजकर 51 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।
GB Singh