पॉलिसी लैप्स होने के बाद उसे रिवाइव करने की जरूरत होती है। उसके लिए कुछ नियम जरूरी है। पॉलिसी को दोबारा कैसे शुरू किया जाए उसके कई तरीके हैं उसका पालन करके आप दोबारा से पॉलिसीधारक बन सकते हैं। इसके तरीके कई हैं। आइए जानते हैं।
बीमा पॉलिसी की सामान्य या सिंपल रिवाइवल
इस योजना के तहत लैप्स पॉलिसी को आसानी से रिवाइव करने के लिए कुछ जरूरी चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। प्रीमियम के साथ आपको ब्याज भी भरना जरूरी हो जाता है इस योजना के तहत। इसके अलावा पॉलिसीधारक को पॉलिसी लैप्स होने की तारीख के छह महीने के अंदर ही यह काम करना होगा वरना यह मान्य नहीं होगा। सबसे खास बात यह है कि एलआइसी इस मामले में बीमाधारक की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में कोई भी दस्तावेज नहीं मांगती है।
चिकित्सा पर आधारित पॉलिसी रिवाइवल
यह एक ऐसी योजना है जिसके तहत पॉलिसी को रिवाइव तभी कर सकते हैं जब आपका सामान्य तरीके से या फिर बिना चिकित्सीय तरीके से रिवाइवल नहीं हो सकता है। इसके बाद ही एलआइसी की ओर से आपके मेडिकल रिकार्ड के बारे में पूछा जाएगा और आप उनकी जानकारियों का जवाब देकर इस योजना के तहत अपनी पॉलिसी को दोबारा शुरू कर सकते हैं।
विशेष तौर पर रिवाइवल स्कीम
इस योजना के तह पॉलिसीधार को अपनी आयु के मुताबिक ही एकल प्रीमियम का भुगतान करना होता है। आप इस विशेष रिवाइवल योजना का लाभ तभी उठाएंगे जब आप पूरा भुगतान कर देंगे। कंपनी आपसे इस रिवाइवल के तहत स्वास्थ्य के अलावा अन्य जरूरी दस्तावेज मांग सकती है।
किश्तों पर आधारित रिवाइवल पॉलिसी
किश्तों पर आधारित पॉलिसी को रिवाइव करने के कारण यह काफी पसंद की जाती है। इसमें आप भुगतान एक साथ नहीं बल्कि किश्तों में कर सकते हैं। अगर आप इंस्टालमेंट में रिवाइवल स्कीम का चुनाव करते हैं तो आप उसे इस तरह से जारी रख सकते हैं। जिसमें आप सार में एक बार भुगतान करके या फिर छमाही दो बार प्रीमियम का भुगतान करके या फिर तिमाही यानी की साल में तीन बार प्रीमियम का भुगतान करके अपनी पॉलिसी को जीवित कर सकते हैं। वार्षिक में भुगतान एक बार में करना होता है। बाकी में दो बार और साल में तीन बार भुगतान कर सकते हैं।
GB Singh