कोरोना काल में लोगों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए इमरजेंसी लोन लेना पड़ा। कुछ लोगों ने आनन-फानन में बिना नुकसान और फायदे की परवाह किए लोन उठाया। लेकिन अब उसे चुकाने में दिक्कत सामने आ रही है। हालांकि लोन परंपरा को लोग आज भी गलत समझते हैं और बड़ी जरूरत पर ही लेने की कोशिश भी करते हैं। ऐसे में उनके पास यह सोचने का समय नहीं होता कि कौन सा लोन लेना बेहतर है। आज हम आपको बता रहे हैं कि इमरजेंसी लोन के तौर पर क्रेडिट कार्ड से लोन लेना सही होगा या फिर पर्सनल लोन। आइए जानते हैं।
पर्सनल लोन
पर्सनल लोन आपको बैंक देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। क्योंकि इसमें ब्याज दर अधिक होती है और समय कम। हालांकि इसे लेने के लिए लोगों को पहले से कई चीजों के बारे में पता होनी चाहिए। जैसा कि कुछ जानकार भी बताते हैं कि जब कहीं से भी पैसे की जरूरत पूरी न हो रही हो तब वहां पर्सनल लोन के बारे में सोचना चाहिए। लोन एफडी से भी अपनी इमरजेंसी को पूरा कर सकते हैं लेकिन फिर भी अगर लोन लेना हो तो पर्सनल लोन काफी बेहतर माना गया है। इस लोन को लेने के बाद आप इसे कहीं भी खर्च कर सकते हैं। शादी से लेकर छुट्टियों पर भी। इसे असुक्षित कर्ज की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि इसका ब्याज दर काफी ऊंचा होता है। बैंक इस कर्ज को न्यूनतम 11 फीसद से 20 फीसद से भी अधिक दर पर देती हैं।
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क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड लोन की सबसे खास बात यह है कि आप बिना किसी बैंक के खातेदार बने हुए ही इसे ले सकते हैं। जबकि पर्सनल लोन में कुछ हद तक शर्त खाताधारक होने की भी है। वहीं क्रेडिट कार्ड लोन पर ब्याज दर आपको तय मिलेगी। लेकिन पर्सनल लोन में जैसे-जैसे लोन की अवधि कम होगी ब्याज दर भी कम होगी। क्रेडिट कार्ड को कभी भी बड़ी राशि के लिए लेना ठीक नहीं होगा। छोटी जरूरत के लिए क्रेडिट कार्ड लोन ठीक रहेगा। बड़ी जरूरत के लिए पर्सनल लोन ले सकते हैं। क्रेडिट कार्ड के बकाए भुगतान के लिए ईएमआई का उपयोग भी किया जा सकता है, इसके लिए आप किस्तों में महीने में भुगतान कर सकते हैं। इसके लिए कुछ शुल्क बैंक को देना पड़ता है।
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कैसे मिलता है लोन
क्रेडिट कार्ड लोन तो आपको ऐसे ही मिल सकता है, बस आपके पास बैंक का क्रेडिट कार्ड बना हुआ होना चाहिए। इसके लिए किसी कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ती। जबकि पर्सनल लोन में दस्तावजे जमा करने पड़ते हैं। पर्सनल लोन जारी होने में भी अमूमन दो से पांच दिन का समय लग जाता है। दस्तावेजों की जांच के बाद सत्यापन में। इसके बाद सीधे खाते में रकम आ जाती है। क्रेडिट कार्ड तो पहले से बना होता है तो तुरंत खाते में रकम जमा हो जाती है।