धर्म-कर्म की बातें हम सभी मानते हैं और पौराणिक कथाओं पर हम सभी का विश्वास है। महाभारत में अपने कौरव और पांडवों की लड़ाई के बारे में सुना होगा। कौरवों के तरफ से दुर्योधन के बारे में आपने सुना होगा दुर्योधन को जब छुपने की जगह नहीं मिली तो उसने सरोवर की शरण ली। क्या था पूरा माजरा आज हम इस पर बात करेंगे।
दुर्योधन हमेशा निष्कंटक राज्य पाने की लालसा रखता था। जिसके चलते वह आए दिन कौरव सेना में मैंने सेनापति को संगठित करता और उन्हें उत्साहित करता रहता था लेकिन भद्रराज शल्य की मृत्यु और पांडवों से कौरवों की मार पड़ने से दुर्योधन कि सेना पूरी तरह से भयभीत हो गई थी और वे युद्ध मैदान को छोड़कर भाग गई थी। पांडव सेना से भयभीत होकर कौरवों की सेना और सेनापति कोई घोड़ों से तो कोई हाथियों के ऊपर चढ़कर मैदान छोड़कर भागने लगे उन सब का हिम्मत होता देख पांडव और उनके 5 सालों ने कौरव सेना का पीछा किया। इसी दरमियान दुर्योधन अपने 21000 सैनिकों के साथ रथ लेकर मैदान में उतर पड़ा और उसके बाद उत्साहित योद्धाओं में दोनों ओर से घमासान युद्ध हुआ।
यमराज की भांति पराक्रमी बलवीर भीम ने अकेले ही अपनी गदा से पूरे 21000 सैनिकों को मैदान में परास्त कर दिया उसके बाद पूरा पांडव सेना एक साथ मिलकर दुर्योधन को पराजित करने के लिए उतर पड़े लेकिन दुर्योधन को पराजित करना इतना आसान नहीं था।
वही दुर्योधन ने देखा कि उनकी सेना उन्हें छोड़कर भाग रही है तो उन्होंने अपनी भागती हुई सेना को फिर से बुलाया और उसके बाद चारों ओर से बड़ों की वर्षा होने लगी।
यह कैसा युद्ध था जिसमें करो कि पूरी 11 अक्षैहिणी सेना मारी गई। और इसका जिम्मेदार दुर्योधन रहा। युद्ध इतना भयानक था कि पूरी सेना मारी गई और एक अकेला दुर्योधन ही अंतिम योद्धा बचा था।
तब यही कारण था कि दुर्योधन ने देखा कि अब उसके पास कोई भी साथी नहीं बचा है तो उसने अपनी जान बचाने के लिए गदा लेकर पूर्व दिशा की ओर स्थित सरोवर में जा छिपा। वही धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाइयों के साथ दुर्योधन को ढूंढने का भरसक प्रयास किया लेकिन उनके गुप्तचर भी उनका पता ना लगा सके। हालांकि एक बार शिकारियों ने कृपाचार्य अश्वत्थामा और कृतवर्मा के किए जा रहे दुर्योधन से वार्तालाप को सुन लिया और धन के लोभ में उस ने पांडवों को दुर्योधन का पता बता दिया जिसके बाद युधिष्ठिर पांडव सहित सरोवर पहुंचे और पांचों दुर्योधन को ललकारने लगे। ललकार सुनकर दुर्योधन को पानी से बाहर आना पड़ा।