मां काली को क्यों पसंद है गुड़हल का फूल और अर्पण करने का सही तरीका

मां काली को गुड़हल का फूल अति प्रिय है। अगर कोई भी जातक मां काली को गुड़हल का फूल भेंट करता है तो मां उससे प्रसन्न हो जाती हैं और उससे दीर्घायु होने का वरदान देती हैं। मां काली हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बरसाती रहती हैं और जो भी मनुष्य मां काली के दर्शन करने आता है उसके सारे मनोरथ सिद्ध होते हैं।

गुड़हल होता है जिव्हा के समान

गुड़हल का फूल मां काली को अति प्रिय है या यूं कहें गुड़हल का फूल देख मां काली प्रसन्न होती हैं। देवी मां को लाल रंग बहुत प्रिय है और गुड़हल के फूल जीव के समान होता है और गुड़हल के फूल में कुछ ऐसे फैक्ट भी होते हैं जिनसे क्रोध को शांत किया जा सकता है और मां काली जब चंडिका के रूप में होती हैं तो वह क्रोधाग्नि में होती है और क्रोध के वशीभूत होकर प्रकृति का सिस्टम बिगाड़ देती हैं। इसलिए अगर कोई भी व्यक्ति को हल्का फूल चढ़ाता है तो मां काली का क्रोध शांत रहता है इसमें ऐसा फर्क होता है जिससे व्यक्ति को ज्यादा क्रोध नहीं आता गुड़हल के फूल में शीतलता होती है जिससे मां काली शीतल रूप में भी दर्शन देते हैं।

108 फूल करें अर्पण

मान्यता है कि देवी मां काली को जो भी भक्त 108 फूल अर्पण करते हैं मां उसकी सारी मनोकामना पूर्ण करती हैं। मां काली को गुड़हल का फूल अर्पित करने से जिन्हे के संतान नहीं है उन्हें संतान की प्राप्ति होती है।

गुड़हल के फूल में होता है ग्रहों का वास

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुड़हल के फूल में ग्रहों का वास भी माना जाता है। जैसे कि फूल के हरे भाग में बुध का स्थान माना गया है और वहीं इसी भाग्य में केतू का प्रतिनिधित्व भी माना गया है। पुष्प के केसरिया भाग में मंगल का स्थान होता है जो प्रतिनिधित्व करता है। वहीं लाल रंग यानि रक्त वर्ण में यह फूल सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है।

तो इस तरह मां काली को लाल फूल अर्पित करने से आपके सारे मनोरथ सिद्ध तो होते ही हैं साथ में जो इस पुष्प में गृह वास करते हैं वह भी खुश रहते हैं।

पुष्प के अंकुरण पर गुरु का वास माना गया है। अंकुरण के मध्य भाग में राहु और अंतिम भाग में शनि का वास होता है। पुष्प के बीज भाग में चन्द्रमा का वास माना गया है।

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