एक समय था जब टीम इंडिया में बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैन निचले क्रम में बल्लेबाजी करते थे। रैना ने धोनी के साथ-साथ 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। खास बात ये रही कि दोनों ने एक ही दिन रिटायरमेंट लिया और दोनों ही 2011 में वर्ल्डकप जीतने वाली टीम का हिस्सा रह चुके हैं।
हालांकि सुरेश रैना एक बार फिर किसी वजह से चर्चा में आ गए हैं। सुरेश रैना के जीवन पर लिखी एक किताब हाल ही में रिलीज हुई है इसलिए प्लेयर सुर्खियों में है। इस किताब की मानें तो उन्होंने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का करियर खराब करने वाले कोच की तारीफ की है। तो चलिए जानते हैं कि सुरेश रैना ने आखिर क्या कहा है।
ग्रैग चैपल की तारीफ में रैना ने बांधे पुल
कहते हैं कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का क्रिकेट करियर उस वक्त के मौजूदा कोच ग्रेग चैपल की वजह से बर्बाद हुआ था। मालूम हो कि सुरेश रैना के जीवन पर लिखी गई इस किताब का नाम ‘बिलीव: वाट लाइफ एंड क्रिकेट टाॅट मी’ है। सुरेश रैना के जीवन पर लिखी किताब की मानें तो सुरेश रैना ने ग्रेग चैपल की तारीफों के पुल बांधे हैं। उन्होंने खुलासा किया है कि चैपल ने अपनी कोचिंग के दौरान टीम पर गहरी छाप छोड़ी थी। सुरेश रैना के मुताबिक चैपल ने ही भारतीय टीम को लक्ष्य का पीछा करना बखूबी सिखाया है।
चैपल की वजह से गांगुली को टीम से किया गया था बाहर
बता दें कि ग्रैग चैपल 2005-2007 तक टीम इंडिया को अपनी कोचिंग सेवाएं देते रहे थे। हालांकि वे टीम इंडिया के सबसे विवादित कोच रहे। उस वक्त के टीम इंडिया के कप्तान रहे सौरव गांगुली से भी उनकी तनातनी हुई थी। इसके चलते गांगुली को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।
चैपल ने डाली थी 2011 के वर्ल्डकप जीतने की नींव
साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में देश ने विश्वकप जीता था। ये विश्वकप इसलिए भी खास रहा क्योंकि देश ने 28 साल बाद वर्ल्डकप अपने नाम किया था। सुरेश रैना विश्वकप जीतने का सारा श्रेय चैपल को ही देते हैं। रैना ने कहा कि मेरे हिसाब से चैपल को भारतीय क्रिकेटरों की पीढ़ी को खेल के मुताबिक ढालने का श्रेय मिलना चाहिए। उनकी कोचिंग में बोए बीज आज अपना असर दिखा रहे हैं। हमने 2011 में 28 साल बाद वर्ल्डकप अपने नाम कर लिया था। मुझे लगता है कि अपनी कोचिंग के दौरान उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों को और भारत को जीतने की अहमियत समझाई।
ऋषभ वर्मा