धर्म शास्त्रों में पूजा पाठ करना अत्यंत शुभ कार्य बताया गया है। पूजा पाठ करने से व्यक्ति के भाव शुद्ध हो जाते हैं। पूजा पाठ करने से मनुष्य सत्य और अहिंसा के पथ पर चलता है। धर्म शास्त्रों में पूजा पाठ करने को लेकर कई सारे विधि विधान बताए गए हैं और पौराणिक कथाएं भी कही गई हैं। हमारे पूर्वज अर्थात ऋषि मुनि पूजा पाठ हवन आदि किया करते थे जिससे कि पूरा वातावरण सकारात्मक हो जाता था और किसी भी नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं होता था।
पूजा पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा होती है नष्ट
धार्मिक विधाओं के अनुसार पूजा पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा का क्षरण होता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है इसलिए पूजा पाठ करने से मन की शुद्धि होती है और तन की भी शुद्धि होती है पवित्र हो जाता है जब आप पूजा पाठ करते हैं।
ईश्वर से जोड़ता है पूजा पाठ
जब भी हम पूजा पाठ याद धार्मिक कार्य करते हैं तो हमारा डायरेक्ट अटैचमेंट ईश्वर से होता है हमें ऐसा प्रतीत होता है जैसे हम ईश्वर के समक्ष उपस्थित हैं और ईश्वर हमारी और देख रहा है और हमें सुनहरा है ऐसा प्रतीत करना ही ब्रह्मांड में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है।
पूजा पाठ करने से पापों का होता है नाश
पूजा पाठ करने से पापों का नाश होता है। राक्षस योनि के लोग जब भी धर्म की हानि करते थे और अत्याचार करते थे तब तब धर्म की रक्षा करने के लिए अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए स्वयं भगवान अवतरित होते रहे हैं यही कारण है की पूजा पाठ से इन्हीं राक्षस योनि के लोगों को परमधाम की प्राप्ति हुई है।
अध्ययन में लगाना है मन तो करें पूजा पाठ,
अगर आपका मन अध्ययन में नहीं लग रहा है और अब बार-बार कोशिश कर रहे हैं अध्ययन करने की तो एक बार धर्म की ओर अग्रसर हो और पूजा पाठ में मन लगाए और माता सरस्वती की आराधना करें इससे आपका पूजा पाठ में मन लगेगा और अध्ययन में भी आपका मन लगेगा
पूजा-पाठ हमारे दिनचर्या को और अच्छा सकारात्मक बनाने के लिए जरूरी होता है। इसलिए प्रति व्यक्ति को सुबह स्नान ध्यान करने के बाद पूजा-पाठ जरूर करनी चाहिए।