वाराणसी: यूपी एसटीएफ ने वन विभाग की संयुक्त टीम के साथ मिलकर बेहद ही लुप्त प्रजाति के वन्य जीव पैंगोलिन के साथ 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पैंगोलिन को सोनभद्र जनपद के जंगल से पकड़ा था।

एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि वन्यजीव अपराध ब्यूरो नई दिल्ली ने पैंगोलिन जीव के अवैध व्यापार के संबंध में एसटीएफ को सूचना दी थी। इस सूचना पर यूपी एसटीएफ के एडिशनल एसपी डा. अरविंद चतुर्वेदी की टीम को लगाया गया था। छानबीन के दौरान एसटीएफ को इस बात का पता चला कि पैंगोलिन जीव के तस्कर का नेटवर्क महाराष्टï्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और यूपी में अलग-अलग जंगलों में फैला हुआ है।
इसी छानबीन के क्रम में रविवार को एसटीएफ को सूचना मिली कि कुछ तस्कर पैंगोलिन जीव के साथ वाराणसी जनपद उसको बेचने के लिए आने वाले हैं। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम ने वाराणसी के सिगरा इलाके से 10 वनजीव तस्करों को गिरफ्तार किया। एसटीएफ ने उनके पास से एक जीवित दुर्लभ वन्य जीव पैंगोलिन (अनुसूचि-1) और 8 मोबाइल फोन मिले।
पूछताछ में पकड़े गये आरोपियों ने अपना नाम सोनभद्र निवासी सुरेन्द्र कुमार, वाराणसी निलवासी मोहम्मद शहजाद, वाराणसी निवासी शकील अहमद, बिहार निवासी मदनेश कुमार, बिहार निवासी किशोर झा, बिहार निवासी अशोक कुमार, बिहार निवासी बृज मोहन, बिहार निवासी महेश कुमार, वाराणसी निवासी शमीम अहमद और बिहार निवासी संदीप कुमार बताया।

पूछताछ में यह खुलासा हुआ
पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ में मुख्य आरोपी सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि बरामद पैंगोलिन उसने सोनभद्र्र के पन्नूगंज के जंगल से पकड़ा था और अपने साथियों के साथ ऊँचे दाम में बेचने के लिए वाराणसी आया था। एसटीएफ व वन्य विभाग की टीम तस्करों के नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के बारे में भी पता लगा रही है।
स्केल व मांस के लिए होती है तस्करी
इण्टरपोल की पिछले तीन वर्षों की रिपोर्ट में पैंगोलिन को लगातार विश्व में सबसे अधिक अवैध व्यापार किये जानेे वाले वन्य जीव के रूप में चिन्हित किया गया है। वर्ष 2018 में सीआईटीएस के साऊथ अफ्रीका अधिवेशन के दौरान विश्व भर में पैंगोलिन की घटती संख्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उसे (अनुसूचि-1) में सम्मिलित किया गया है। पैंगोलिन वन्य जीव अधिनियम-1972 के शीडयूल्ड-1 में अंकित है। पैंगोलिन अधिकतर डेसीडयूएस जंगल में पाये जाने वाला स्तनधारी जानवर है। भारत के लगभग 14 राज्यों में घने जंगलोंं के बीच पाये जाने वाला लगभग 4 फिट लम्बा यह वन्य जीव अत्यन्त शर्मीला होता है और चींटी और दीमक इनका मुख्य भोजन है। भारत में इनकी दो प्रजातियाँ पायी जाती हैं। पूर्वोत्तर भारत में चायनीज पैंगोलिन और अन्य राज्यों में इण्डियन पैंगोलिन पाया जाता है। पैंगोलिन का शिकार मुख्य रूप से उसके शरीर पर उभरे हुए स्केल के लिए किया जाता है। इसकी मांग चीन, हांगकांग, सिंगापुर, मलेशिया जैसे में शक्तिवर्धक दवाईयां और जैकेट बनाने के लिए की जाती है। इसके अलावा जीवित पैंगोलिन उसके मांस के लिए इन्हीं देशों में अत्यन्त अधिक मांग पर है।
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