सावन का महीना समाप्त हो चुका है और अब भाद्रपद चल रहा है। यह ऐसा महीना है जिसकी शुरुआत ही रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार से होती है। इसी महीने में कई खास त्योहार और व्रत पड़ते हैं जिसमें कजरी तीज खास है। वैसे तो तीज का व्रत साल में तीन बार होता है और वो भी एक के बाद एक कुछ दिनों के अंतराल पर। अभी कुछ दिनों हरियाली तीज हुई थी जो सावन में होती है। अब कजरी तीज होगी और इसके बाद हरितालिका तीज होगी। आइए जानते हैं कब है कजरी तीज।
सुहागिन महिलाएं रखती हैं तीज
सावन और भाद्रपद का तीज भोलेनाथ और पार्वती को समर्पित है। दोनों को आराध्य देव मानते हुए सुहागिन महिलाएं इसका व्रत करती हैं. वैसे तो भाद्रपद 12 अगस्त यानी आज से शुरू हो गई है। कजरी तीज इसी महीने पड़ेगा। इसमें महिलाएं पति के सौभाग्य और लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। इसे बूड़ी और सूतड़ी तीज भी कहीं-कहीं कहा जाता है। यह उत्तर भारत में खास तौर पर मनाते हैं। इसकी प्रथा भी हर जगह अलग-अलग है। कुछ लोगों में यह मायके से भी संबंधित होता है। नेपाल में भी कजरी तीज को बड़े धूमधाम से महिलाएं मनाती हैं।
कब है शुभ मुहूर्त और दिन
कजरी तीज को 14 अगस्त के दिन मनाया जाएगा। इस दिन कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पड़ रही है। भगवान महादेव और पार्वती की लोग पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और निर्जला व्रत करती हैं। इसमें भगवान की मूर्ति बनाकर उनकी कुछ लोग पूजा करते हैं। पूजा के लिए चौकी पर पीला या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उसमें माता पार्वती व शिव को स्थापित करें और फिर गंगाजल, गाय का दूध, बेल पत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, फल, चंदन, शहद व धूप भगवान शिव को अर्पित करें। माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
GB Singh