भारत में वायरल हैपेटाइटिस एक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है जिसमें हेपेटाइटिस बी सबसे अधिक प्रभावित करने वाला रोग है. भारतीय जनसंख्या का तीन से पांच फीसदी हिस्सा हेपेटाइटिस बी संक्रमण से जूझ रहा है. हर साल 28 जुलाई को मनाए जाने वाले विश्व हेपेटाइटिस दिवस का इस साल का विषय ‘एलिमिनेट हेपेटाइटिस’ (हेपेटाइटिस को खत्म करना) रखा गया है. पालक बच्चों की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है, जानें कैसे
विश्व हेपेटाइटिस दिवस रोग के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को शीघ्र निदान, रोकथाम और हेपेटाइटिस के उपचार के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. हेपेटाइटिस संक्रामक बीमारियों का एक समूह है, जिसे हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई के रूप में जाना जाता है.
डॉ मोनिका जैन ने बताया, “भारत उन 11 देशों में से एक है, जो पूरे विश्व में हैपेटाइटिस के बोझ का लगभग 50 फीसदी भार उठाते हैं. भारत में हेपेटाइटिस फैलने का प्रमुख कारण मां से बच्चे में वायरस का संचारित होना है. इसके अलावा असुरक्षित रक्त संक्रमण, असुरक्षित यौन संबंध, असुरक्षित सुइयों का इस्तेमाल भी संचरण का कारण है. इस बीमारी के सबसे आम लक्षणों में त्वचा या आंखों के सफेद हिस्से का पीला पड़ जाना, भूख न लगना, उल्टी का आना, बुखार और थकान जो सप्ताहों या महीनों तक बनी रहती है. ऐसी स्थिति में किसी विशेष चिकिस्तक के पास तुरंत जाना चाहिए क्यूंकि इस रोग में लापरवाही घातक साबित हो सकती है.
यह रोग मानसून के दौरान अधिक फैलता है, इसलिए इस मौसम में तैलीय, मसालेदार, मांसाहारी और भारी खाद्य पदार्थो के सेवन से परहेज करना चाहिए. पॉलिश किए हुए सफेद चावल, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, केक, पेस्ट्रीज, चॉकलेट्स, एल्कोहोलिक पेय पदार्थ से दूरी बनानी चाहिए और इनके स्थान पर शाकाहारी आहार, ब्राउन राइस, हरी पत्तेदार सब्जियां, पपीता, खीरा, सलाद, नारियल पानी, टमाटर, पालक, आंवला, अंगूर, मूली, नींबू, सूखे खजूर, किशमिश, बादाम और इलायची का भरपूर सेवन करना चाहिए.”