World Stroke Day: अगर दिखाई दे ये लक्षण, तो न करें देर

World Stroke Day: अगर दिखाई दे ये लक्षण, तो न करें देर

स्ट्रोक जिसे लकवा के नाम से भी जानते हैं, गंभीर बीमारी है और ये इससे प्रभावित लोगों और उनके परिवार पर इलाज और आर्थिक बोझ का दंश दे जाती है। अगर समय पर इलाज न मिले तो इसके घातक शारीरिक और मानसिक दुष्परिणाम होते हैं। स्ट्रोक के बाद मरीज को पूरे वक्त देखरेख, फिजियोथेरपी सेशन, डॉक्टरों के यहां के चक्कर और सलाह की जरूरत होती है। कम शब्दों में कहें तो स्ट्रोक एक इमर्जेंसी कंडिशन है।World Stroke Day: अगर दिखाई दे ये लक्षण, तो न करें देरजान ले, एनीमिया से बचने के लिए आयरन बढ़ाना पड़ सकता है भारी….

अगर स्ट्रोक को शुरुआत में ही पहचान कर इलाज दे दिया जाए तो इससे प्रभावित लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं क्योंकि इसका असरदार इलाज मौजूद है। हालांकि स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानकर तुरंत हॉस्पिटल ले जाना बेहद जरूरी है। लक्षण दिखने के शुरुआती साढ़े चार घंटे में अगर इलाज शुरू हो जाए तो बड़े नुकसान से बचा जा सकता है। जितनी जल्दी क्लॉट खत्म करने की दवा दे दी जाएगी उतना ही बेहतर परिणाम मिलेगा।

 क्या है स्ट्रोक?
स्ट्रोक जिसे कभी-कभी ब्रेन अटैक भी कहते हैं, ये तब होता है जब दिमाग तक ब्लड पहुंचने में रुकावट आ जाती है। उस जगह की दिमागी कोशिकाएं मरने लगती हैं क्योंकि उन्हें काम करने के लिए जो ऑक्सीजन और पोषण मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पाता। 

स्ट्रोक के लक्षण
स्ट्रोक की प्रक्रिया को ऐक्रोनिम FAST से समझा जा सकता है। 

फेस: मुंह तिरछा हो जाना।
आर्म: अचानक से एक या दोनों हाथों का बेजान हो जाना।
स्पीच: जुबान लड़खड़ाने लगना या पूरी तरह से आवाज चली जाना।
टाइम: ऐसा हो तो एंबुलेंस बुलाकर तुरंत पास के ऐसे अस्पताल में पहुंचें जहां चौबीस घंटे सीटी स्कैन की भी सुविधा हो।

एक अध्ययन के मुताबिक डॉक्टर को दिखाने में जितनी देर होगी दिक्कत उतनी ही बढ़ जाएगी। क्योंकि इलाज मिलने में देर होने के साथ न्यूरॉन्स खत्म होने लगेंगे क्योंकि वयस्क लोग न्यूरॉन्स रीजेनरेट नहीं कर पाते लिहाजा हमेशा के लिए विकलांगता आ जाती है।

क्या हैं रिस्क फैक्टर
स्ट्रोक किसी को भी हो सकता है, यहां तक कि बच्चों को भी। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जाता है। 55 साल के बाद हर दशक बढ़ने के साथ स्ट्रोक का खतरा डबल हो जाता है। स्ट्रोक पुरुषों में ज्यादा कॉमन होता है लेकिन स्ट्रोक से मरने वाले 50 फीसदी लोगों में महिलाएं होती हैं।

ये अनुमान लगाया गया है कि 10 में से 8 स्ट्रोक्स रोके जा सकते हैं। हाई ब्लड प्रेशर और स्मोकिंग के रिस्क को मैनेज किया जा सकता है। लेकिन दूसरे खतरे जैसे उम्र और मेडिकल हिस्ट्री वगैरह हमारे हाथ में नहीं हैं। कुछ चीजों पर नियंत्रण करके आप भी स्ट्रोक से बच सकते हैं। इनमें डायबीटीज, बढ़ता हुआ कोलेस्ट्रॉल, हाइपर टेंशन और मोटापा आदि शामिल हैं।

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