आज महालया, कल कलश स्थापना
पितृ पक्ष की अमावस्या को महालया के तौर पर भी मनाया जाता है। इस दिन मां धरती पर आने के लिए पूरी तरह तैयार होती हैं और उनका आह्वान किया जाता है। महालया को सबसे बड़ा घर यानी महा आलय भी कहते हैं। बंगाल में इसका काफी महत्व है। वहां आज से ही लोगों में दुर्गा पूजा की खुमारी दिखनी शुरू हो जाएगी। लोग उत्सव के रंग में रंगे दिखेंगे। वैसे भी पिछले साल भी दुर्गा पूजा काफी फीकी रही थी। इस बार कुछ हद तक छूट रहेगी। इस बार मां डोली पर सवार होकर आ रही हैं। गुजरात में गरबा और डांडिया की धूम दिखेगी। दशहरा 15 अक्तूबर को है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
जानकारी के मुताबिक अश्विन प्रतिप्रदा से नवरात्रि शुरू होती है। इसी दिन कलश की स्थापना होगी। यह सात अक्तूबर को होगी और इसका समय 6 :17 मिनट पर सुबह 10 :11 मिनट तक होगा। अभिजीत मुहूर्त 11 :46 से 12: 32 मिनट पर रहेगा। कलश स्थापना के लिए मिट्टी के बर्तन में सात अन्न रखे और जल भरकर उसमें लाल कपड़ा बांधे। उसे मिट्टी के किसी पात्र पर रखें। कलश में आम के पत्ते और नारियल रखें। कलश पूजन कर देवी का आह्वान करें। नौ दिन तक पूजा जरूरी है और तामसिक भोजन से दूर रहें।
GB Singh
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