बता दें कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप अगले महीने 18-22 जून के बीच होगा। इसे भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। इसके लिए शुक्रवार को ही टीम इंडिया ने 21 सदस्यों वाली एक टीम का ऐलान कर दिया था। इसके अलावा 4 प्लेयर्स स्टैंड बाई में भी हैं। कुछ खिलाड़ी जो ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर चोटिल हो गए हैं, उनकी भी वापसी हुई है। मालूम हो आस्ट्रेलिया के खिलाफ बेकार प्रदर्शन की वजह से पृथ्वी शाॅ को चयनकर्ता वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप टीम का हिस्सा नहीं बनाना चाहते और उन्हें फाइनल मैच से ही बाहर कर दिया।
चयनकर्ताओं से खुश नहीं आशीष नेहरा
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के दौरे में भले ही पृथ्वी ने कुछ खास प्रदर्शन नहीं किया हो पर वहां से लौट कर विजय हजारे ट्रॉफी और इंडियन प्रीमियर लीग में पृथ्वी ने अपने बल्ले से रनों की बारिश कर दी थी। फिर भी चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम का हिस्सा नहीं बनाया। चयनकर्ताओं के इस फैसले से फैंस ही नहीं कई सीनियर खिलाड़ी भी खफा हैं। भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने इस बात पर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने चयनकर्ताओं को साफ किया है कि इस बल्लेबाज को मौके दिए जाने चाहिए।
पृथ्वी ने अपनी खामियों को किया दूर
आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई टेस्ट सीरीज के पहले मैच की दोनों पारियों में पृथ्वी एक ही जैसी गेंदों पर दो बार आउट होकर पवेलियन लौटे थे। वे पहली पारी में शून्य पर तो दूसरी पारी में 2 रन बनाकर आउट हुए थे। इस वजह से एक्स्पर्ट्स ने उनके तकनीकी लेवल पर कमजोर होने की बात कही थी और दुनिया भर में फैंस इस तरह से दो बार आउट होने पर काफी चर्चा कर रहे थे। उन्हीं यही खामियां पृथ्वी पर सेलेक्शन के वक्त हावी हो गईं। हालांकि पृथ्वी ने कोच के साथ मिल कर अपने ऊपर काफी काम किया और तकनीकी खामियों को दूर किया।
चयनकर्ताओं के फैसले को नेहरा ने बताया सख्त
आशीष नेहरा ने पृथ्वी के बारे में बात करते हुए कहा, ‘पृथ्वी ने पिछले कुछ महीनों में खुद के अंदर तकनीकी कमियों को देखा और उन्हें दूर करने के लिए काफी मेहनत भी की है। इसका नतीजा हमें उनकी बल्लेबाजी में देखने को भी मिला है। मुझे लगता है चीजें उसके हिसाब से नहीं हो रही थीं पर खिलाड़ी को थोड़े और मौके मिलने चाहिए थे।’
कहा पृथ्वी को मिलना चाहिए और मौके
वहीं क्रिकेटबाज से भी नेहरा ने इस मामले पर चर्चा की और कहा, ‘मेरे हिसाब से ये थोड़ा सख्त फैसला था। तकनीक की बात करें तो किसी भी खिलाड़ी के लिए इसे एडजस्ट करना कठिन होता है। एडिलेड टेस्ट के दौरान वो ऐसा खिलाड़ी नहीं था जिसके पास 30-40 टेस्ट मैच का अनुभव हो, हम ऐसे युवा खिलाड़ी की बात कर रहे हैं जो सिर्फ 21 साल का है। ऐसे में सिर्फ एक टेस्ट मैच के प्रदर्शन के आधार पर टीम से उसे ड्रॉप करना गलत है।’
—-ऋषभ वर्मा