अपराधियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई होने पर अब सीधे उनकी संपत्ति जब्त होगी। पहले संपत्ति जब्त करना वैकल्पिक था। उत्तर प्रदेश में पहली बार लागू हुई गैंगस्टर नियमावली 2021 को लेकर डीएम ने स्थानीय स्तर पर आदेश जारी कर दिया है। नियमावली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार की रात पुलिस के अधिकारियों और थानाध्यक्षों की बैठक में नई नियमावली के बारे में जानकारी दी गई। संपत्ति जब्ती की रिपोर्ट आने पर जिलाधिकारी स्वयं या किसी विधि अधिकारी से संपत्ति की जांच करा सकते हैं।
अपराधियों में डर पैदा करने के लिए गैंगस्टर नियमावली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। धारा 376 डी यानी गैंगरेप, 302, 395, 396 और धारा 397 के अंतर्गत आने वाले अपराधों में तुरंत गैंगस्टर लगाया जा सकेगा। पुरानी व्यवस्था में कितनी भी गंभीर धारा हो, गैंगस्टर की कार्रवाई के लिए एक से अधिक केस का होना जरूरी होता था। जिलाधिकारी की अनुमति से इन अपराधों में शामिल नाबालिग पर भी कार्रवाई हो सकेगी। नियमावली के अनुसार यदि गैंग चार्ट में नाम नहीं है और विवेचना के दौरान यह बात सामने आती है कि किसी की अपराध में संलिप्तता रही है या अपराधी का किसी रूप में सहयोग किया है तो जिलाधिकारी की अनुमति से उसका नाम गैंगस्टर में जोड़कर चार्जशीट दाखिल की जा सकती है। यदि किसी पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई गलती से कर दी गई है तो विवेचना के दौरान जिलाधिकारी उसे वापस ले सकेंगे। यदि आरोप पत्र दाखिल हो चुका है तो राज्य सरकार से संस्तुति की जाएगी।
गैंगस्टर की नई नियमावली लागू हो चुकी है। इससे अपराधियों में भय होगा और गंभीर अपराध करने से घबराएंगे। नियमावली को कड़ाई से लागू कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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