उत्तर प्रदेश में पावरलूम बुनकरों के 10 किलोवाट तक के बिजली कनेक्शन पर योगी आदित्यनाथ सरकार फ्लैट रेट पर सब्सिडी दिए जाने पर विचार कर रही है। बुनकर नेताओं से बातचीत और सहमति के बाद सरकार इसे लागू करेगी। इसके लिए प्रस्तावित अटल बिहारी वाजपेयी बुनकर फ्लैट रेट योजना पर सालाना करीब 642 करोड़ रुपये का व्ययभार अनुमानित किया गया है। इस योजना के लागू होने पर राज्य के 2 लाख 39 हजार 480 बुनकर लाभान्वित होंगे।
खादी एवं वस्त्रोद्योग को योगी सरकार बढ़ावा देना चाहती है। विभागीय मंत्री राकेश सचान ने गुरुवार को खादी भवन में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि बुनकरों की सभी समस्याओं का समाधान करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सरकार गंभीर है। इसके लिए बुधवार को एक प्रस्तुतीकरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तावित था, लेकिन अब यह प्रस्तुतीकरण बुनकरों के साथ बैठक के बाद होगा।
दरअसल, फ्लैट रेट यानी अनुदानित दर पर बिजली की मांग बुनकरों की रहती है। अभी सरकार पांच किलोवाट तक के पावरलूम यानी बिजली चलित करघा को अनुदान दे रही है। अब विचार किया गया है कि दस किलोवाट तक के कनेक्शन पर अनुदान दिया जाए। सचान ने बताया कि इस प्रस्ताव पर भी पहले बुनकरों के साथ बैठक कर सहमति ली जाएगी।
योजना के तहत पांच किलोवाट तक के कनेक्शन लेने वाले बुनकरों को शामिल किया गया है जिनकी संख्या 2 लाख 26 हजार 480 है। प्रस्तुतीकरण में सीएम को बताया गया कि पांच किलोवाट तक के कनेक्शनों पर 240 यूनिट तक बिल की सब्सिडी दिए जाने पर ग्रामीण क्षेत्र में बुनकरों को 250 रुपये और शहरी क्षेत्र में 300 रुपये महीने का लाभ बुनकरों को होगा। इस योजना पर सालाना करीब 600 करोड़ का व्ययभार आएगा।
सचान ने बताया कि खादी को भी बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, इस समस्या को चिन्हित किया गया है कि उत्तर प्रदेश से कपास की खेती लगभग खत्म हो चुकी है। कपास की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।