हम कभी-कभी पूजा-पाठ में इतने मगन हो जाते हैं कि यह पता नहीं होता कि किस देवता को क्या अर्पित करना चाहिए और क्या नहीं। इसके लिए भी बाकायदा नियम बने हुए हैं। जैसे तुलती का पत्र हर देव को नहीं चढ़ा सकते उसी प्रकार कुछ ऐसी चीजें हैं जो महादेव को कभी नहीं अर्पित करनी चाहिए। इससे देवताओं की नाराजगी उठानी पड़ सकती है। खासकर सावन के समय में व्रत रखने वाले व्रतियों को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि महादेव को अर्पित करने के लिए क्या वर्जित हैं। 
सिंदूर : महादेव की पूजा में कभी सिंदूर का प्रयोग न करें। हालांकि यह कई देवताओं में चढ़ता है लेकिन शिवजी में नहीं। शिवलिंग पर सिंदूर चढ़ाना अशुभ है।
हल्दी : हल्दी को तो हिंदू धर्म में काफी शुभ माना जाता है और इसे कई शुभ कार्यों में उपयोग भी करते हैं। लेकिन महादेव की पूजा में इसका उपयोग नहीं करते हैं। मान्यता है कि हल्दी स्त्री प्रतीक और शिवलिंग पुरुष प्रतीक होने के कारण इसका उपयोग नहीं किया जाता है। हल्दी चढ़ाने से पुजारी मना करते हैं। यह पूरी तरह वर्जित है। इससे पूजा मान्य नहीं होती।
शंख से अभिषेक : मान्यता है कि शिवलिंग को कभी भी शंख से जल का अभिषेक नहीं कराना चाहिए। यह काफी गलत माना जाता है। भोलेनाथ की पूजा में भी शंख का उपयोग नहीं करते हैं। जानकारी के मुताबिक, शिवपुराण में शंखचूड़ दैत्य का वध शिव ने किया था इसलिए यह निषेध माना जाता है।
तुलसी : तुलसी कई देवताओं को प्रिय है लेकिन महादेव को यह अर्पित नहीं किया जाता है। मान्यता के अनुसार जालंधर असुर को अमर होने का वरदान मिला था। उसे मारने के लिए भगवान विष्णु और शिव ने योजना बनाई। असुर की पत्नी वृंदा इससे काफी दुखी हुई और उसने शिव को श्राप दे दिया। इससे शिव की पूजा में तुलसी वर्जित है।
नारियल पानी : नारियल पानी भी शिवजी को कभी नहीं चढ़ाना चाहिए। हां महादेव की पूजा नारियल से होती है लेकिन पानी नहीं अर्पित किया जाता है। यह वर्जित माना गया है।
लाल फूल : शिवलिंग पर लाल रंग के फूल भी चढ़ाने से भी मना किया गया है। इससे महादेव कभी प्रसन्न नहीं होते हैं। शिवजी को सफेद रंग के फूल चढ़ा सकते हैं लेकिन लाल रंग के गुड़हल, केवड़ा या अन्य फूल न चढ़ाएं।
ये है शिव को प्रिय : शिवजी को अगर अभिषेक कराना है तो जल, शहद, दूध, घी से अभिषेक कराएं। उनमें सफेद मदार व नीला अपराजिता का फूल चढ़ाएं। भांग, बेल और मदार के पत्ते चढ़ाएं। यह शिव को अति प्रिय है। भभूत भी शिवजी को प्रिय है। इससे शिव प्रसन्न होते हैं। हां, चंदन का इस्तेमाल कर सकते हैं। उनको इससे लेप करते हैं।
GB Singh
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