जिस तरह से ज्योतिषशास्त्र में राशि का महत्व होता है उसी प्रकार अंकशास्त्र में अंकों का विशेष स्थान होता है। जैसे नाम के अनुसार राशि होती है वैसे ही हर अंक के अनुसार अंक ज्योतिष में नंबर होते हैं। मूलांक व्यक्ति के जन्म की तारीख का योग होता है अर्थात जिस तारीख को आपका जन्म हुआ होगा उस तारीख का योग ही आपका मूलांक कहलाता है।
1-शुभचिंतकों का सहयोग मिलेगा। यात्रा से कार्य बनेगा। व्यवसाय में लाभ होगा। विरोधी हतप्रद रहेंगे।
2-योजना सफल होगी। अर्थ प्राप्ति संभव है। कार्य व्यवसाय में लाभ होगा। परिवार में मौज-मस्ती रहेगी।
3-नौकरी में मान-सम्मान बढ़ेगा। व्यक्तिगत संबंध सहायक रहेंगे। व्यवसाय में लाभ के अवसर मिलेंगे।
4-नौकरी में पदोन्नति संभव है। परीक्षा में सफलता मिलेगी। व्यवसाय में लाभ होगा।
5-नई योजना कार्यान्वित कर सकते हैं। सरकारी क्षेत्र में अनुकूलता रहेगी। व्यावसायिक क्षेत्र में साख बढ़ेगी।
6-कार्य क्षेत्र में मतभेदों से बचें। घरेलू कार्यों की पूर्ति में परेशानी होगी। व्यवसाय में धन हानि हो सकती है।
7-जनसंपर्क बढ़ेगा। निजी उद्यम से ही उन्नति होगी। आकस्मिक यात्रा संभव है। व्यवसाय में धन लाभ होगा।
8-नौकरी में उन्नति संभव है। कोर्ट-कचहरी में विजय मिलेगी। व्यवसाय में उत्तम धन लाभ होगा।
9-उत्साह में वृद्धि होगी। कार्य क्षेत्र में आपकी प्रशंसा होगी। व्यवसाय में लाभ बढ़ेगा। घर में आनन्द रहेगा।
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