उत्तर प्रदेश में बीजेपी प्रचंड बहुमत की ओर है, ऐसे में हार को स्वीकार करते हुए अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। सरकारी आवास 5, कलिदास मार्ग पर पत्रकारों से बातचीत करने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश राजभवन गए। उन्होंने राज्यपाल राम नाईक को अपना इस्तीफा सौंपा।अखिलेश ने यूपी के सीएम पद से अपना इस्तीफा सौप दिया है। फ़िलहाल गवर्नर ने उनसे नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक सीएम का काम देखने के लिया कहा है।
गौरतलब है कि यूपी में एसपी, कांग्रेस के गठबंधन कर चुनाव लड़ रही थी। 11 मार्च को आए जनादेश के बाद इस गठबंधन के हाथ बड़ी निराशा लगी है। पिछले विधानसभा चुनाव में बहुमत से सरकार बनाने वाली एसपी इस बार कांग्रेस से गठबंधन के बावजूद 100 सीटों का आंकड़ा भी नहीं छू पाई।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों करारी हार झेलने के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा है कि जनता शायद उत्तर प्रदेश में बुलेट ट्रेन चाहती है। अखिलेश ने हार के कारण बताने के बजाय उल्टा तंज कसते हुए कहा, ‘मुझे लगता है जनता हमसे भी अच्छा काम चाहती है। शायद उन्हें एक्सप्रेस-वे पसंद नहीं आया है और वे बुलेट ट्रेन चाहते हैं।”
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश ने इससे पहले, सरकारी आवास पर मीडिया से कहा, “बसपा की नेता ने ईवीएम को लेकर जो सवाल उठाए हैं, उससे सहमत हूं। मैं बूथ लेवल पर इसकी सच्चाई जानने की कोशिश करूंगा।”
अखिलेश ने कहा, “मुझे खुशी है कि हमने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया, दो युवा नेता साथ आए, आगे भी यह गठबंधन जारी रहेगा। मैं जनता को उनके निर्णय पर बधाई देता हूं। लोकतंत्र में यही होता है।”
सपा अध्यक्ष ने कहा कि अब देखना है कि नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में किसानों का कर्ज माफ करने पर फैसला होता है या नहीं। अगर उत्तर प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ होता है तो लगता है कि पूरे देश के किसानों का कर्ज भी माफ हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें उत्तर प्रदेश में पांच वर्ष काम करने का मौका मिला। मुझे उम्मीद है कि आने वाली सरकार समाजवादी सरकार से भी अच्छा काम करेगी। सड़कें बनवाएगी। हमारे अधूरे कार्यो को पूरा करेगी। मुझे लगता है कि आने वाले समय में मेरी सरकार फिर आएगी।”