घर में दाखिल होते ही चिड़चिड़ाहट, हर बात पर न कहना और कुछ अच्छा महसूस न करना, यह सब घर में नकारात्मक ऊर्जा के होने का संकेत देता है। हमारे आसपास दो तरह की ऊर्जाएं होती हैं–सकारात्मक और नकारात्मक। ये ऊर्जाएं हमारे आसपास के वातावरण और वस्तुओं में होती हैं, जिनका हमारे ऊपर खास प्रभाव पड़ता है। यदि हमारे आसपास नकारात्मक ऊर्जा अधिक हो तो हमें कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। हम दुखी महसूस करते हैं। बिना किसी बात पर चिड़चिड़ाहट होने लगती है। ज्योतिषाचार्य विनोद कुमार ओझा कहते हैं, ‘नकारात्मक ऊर्जा हमें दिखाई तो नहीं देती, लेकिन ये अपना असर जरूर दिखाती हैं। जिस घर में ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा हो, उस घर का विकास रुक जाता है। घर के लोगों से लेकर जीव, पेड़-पौधे और वस्तुएं तक नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होने लगती हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस ऊर्जा को घर से बाहर करने के लिए कुछ प्रयास किए जाएं।’
हमारे आसपास दो तरह की ऊर्जाएं होती हैं–सकारात्मक और नकारात्मक। ये ऊर्जाएं हमारे आसपास के वातावरण और वस्तुओं में होती हैं, जिनका हमारे ऊपर खास प्रभाव पड़ता है। यदि हमारे आसपास नकारात्मक ऊर्जा अधिक हो तो हमें कुछ भी अच्छा नहीं लगता है। हम दुखी महसूस करते हैं। बिना किसी बात पर चिड़चिड़ाहट होने लगती है। ज्योतिषाचार्य विनोद कुमार ओझा कहते हैं, ‘नकारात्मक ऊर्जा हमें दिखाई तो नहीं देती, लेकिन ये अपना असर जरूर दिखाती हैं। जिस घर में ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा हो, उस घर का विकास रुक जाता है। घर के लोगों से लेकर जीव, पेड़-पौधे और वस्तुएं तक नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होने लगती हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस ऊर्जा को घर से बाहर करने के लिए कुछ प्रयास किए जाएं।’
घर को साफ-सुथरा रखें
 जब महसूस होने लगे कि आपका घर नकारात्मक ऊर्जा की चपेट में है, तो आपको प्राकृतिक तरीका अपनाना चाहिए। सुगंधित जड़ी-बूटियां लाएं। इन्हें लाकर घर में जलाएं और संभव हो, तो इससे उत्पन्न होने वाले धुएं को घर के एक-एक कोने तक लेकर जाएं, ताकि हर कोने से नकारात्मक ऊर्जा खात्म हो सके। जड़ी-बूटियों से उत्पन्न होने वाला सुगंधित धुंआ घर की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करता है। इसके साथ ही यह अपनी खुशबू से घर में सकारात्मक ऊर्जा भी लाएगा। नींबू या नारंगी के छिलकों की गंध बहुत ही सुखद और मन को ऊर्जा से भरने वाली होती है। आप इन छिलकों को जला सकती हैं।
घर छोटा हो या बड़ा, साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। सुबह खिड़कियों और दरवाजों को खोल दें, ताकि सूरज की किरणों का प्रवेश हो सके। इन किरणों में जीवनदायिनी ऊर्जा होती हैं, जिनके प्रवेश से घर का वातावरण शुद्ध हो जाता है। सूर्य अपनी उगती किरणों के साथ सभी नकारात्मक तत्वों को हटा देता है। इसलिए अपने घर के अंदर धूप जाने के लिए अपनी खिड़की के पर्दे खोल दें और धूप को अंदर आने दें।
कुछ नमक छिड़कें
 नमक में नकारात्मकता को अवशोषित करने की शक्ति होती है और आप अपने कमरे के चारों कोनों में नमक छिड़क सकती हैं। नमक को 48 घंटे के लिए वैसे ही रहने दें। 48 घंटों के बाद या तो वैक्यूम या झाड़ू से नमक को झाड़ दें और उसे फेंक दें। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए केसर को पीसकर नमक के साथ मिलाएं।
प्रवेश द्वार को सुरक्षित रखना भी, नकारात्मकता को हटाने की बहुत पुरानी और पारंपरिक पद्धति है। लोग घर के प्रवेश द्वार पर हरी मिर्च और नींबू बांध देते हैं, ऐसा माना जाता है कि इससे नकारात्मकता दूर होती है। मुख्यद्वार पर रोजाना सुबह-सुबह गंगाजल छिड़क कर भी नकारात्मकता को दूर कर सकती हैं।
सुरक्षा क्रिस्टल
 ब्लैक टूर्मेलिन, एक क्रिस्टल है, जो लोगों और चीजों दोनों से नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित कर लेता है। इका उपयोग करने का सबसे अच्छा तरीका, हर कमरे के प्रत्येक कोने में एक टुकड़ा लटका देना है। यह विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा को भी अवशोषित करता है, इसलिए इसे अपने इंटरनेट राउटर, टेलीविजन, कंप्यूटर और अन्य डिवाइसों के पास रखने से आप स्वयं की हानिकारक ऊर्जा से रक्षा कर सकते हैं। यदि आपके घर का कोई एक हिस्सा भारी लगता है, तो उस क्षेत्र में एक ब्लैक टूर्मेलिन लगा दें, यह नकारात्मक ऊर्जा को अपने काले शून्य में अवशोषित कर लेगा। हफ्ते में एक बार इन सुरक्षा क्रिस्टल को शुद्ध करने के लिए फिल्टर्ड पानी की एक कटोरी में रखकर, उसे धूप में कम-से-कम चार घंटे के लिए रखें। खुशबूदार फूल और पौधे लगाएं, जो सेहत के लिए अच्छे हों, जैसे कि तुलसी, पुदीना आदि। ये वे पौधे हैं, जो घर के जिस स्थान में लगे हों, वहां का वातावरण सुखमय बनाते हैं, साथ ही घर वालों को अच्छी सेहत भी देते हैं।
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