मानव बॉडी का आधार हड्डियां होती हैं और हड्डियों के निर्माण में अहम किरदार होता है कैल्शियम का . हड्डियों से संबंधित करीब हर समस्या के कारण होती है पोषण में कैल्शियम की कमी. लेकिन यह कमी बॉडी में एक दिन में नहीं, बल्कि निरंतर खानपान में लापरवाही के वजह से पर्याप्त तादाद में बॉडी को कैल्शियम न मिलने के वजह से बीमारियों के रूप में सामने आती है. वैसे तो लोगों को मानना है कि केवल दूध या दही का उपयोग करने से बॉडी को कैल्शियम मिल जाता है, लेकिन यह सच बात नहीं है. इससे बॉय को कैल्शियम तो मिलता है पर उतनी तादाद में नहीं, जितना कि उचित पोषण के लिए बॉडी को जरूरत होती हैं.
कैल्शियम के कम होने का शुरूआती लक्षण तीस उम्र के बाद से नजर आने लगते हैं. ये लक्षण हड्डियों में दर्द, जकड़न, थकान, मांसपेशियों में खिंचाव आदि के रूप में नजर आता है. कमर का झुक जाना, पिंडलियों में अचनाक से असहनीय दर्द होना, बालों का झड़ना, दांतों में संक्रमण, नाखूनों का फटना आदि दिक्कतें बॉडी को पर्याप्त तादाद में कैल्शियम न मिलने की वजह से होती हैं.
इनके उपयोग से मिलेगा कैल्शियम-
हरी और पत्तेदार साब्जियां कैल्शियम का बेहतर सोर्स हैं.
दूध, दही, पनीर और दूध से बने प्रोडक्ट्स को डाइट में जरूर शामिल करें.
केला, संतरे का जूस और नींबू प्रजाति के फलों का उपयोग हर रोज करें.
सोयाबीन से बनी चीजें और कॉर्न फ्लेक्स में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
मूंगफली, सूरजमुखी, सिंघाड़ा, मटर आदि में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में शमिल होता है.
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