जहां बैंक आज से एक साल पहले तक व्यक्तियों के सीबिल स्कोर पर नजर रखी जाती थी। वहीं अब लोगों का सोशल मीडिया प्रोफाइल देखकर लोन की ऐप्लीकेशन को मंजूर किया जा रहा है। ऑनलाइन किसी का पीछा करना या ट्रोल करना आपको पर्सनल लोन मिलने के मौके कम करता है।
साथ ही अगर आप किसी को ऑनलाइन स्पेस में परेशान करते हैं और आप लोन लेते हैं तो इससे ही यह तय होगा कि आपको मार्केट रेट के मुकाबले कितना ज्यादा ब्याज देना पड़ेगा।
नए दौर के ऑनलाइन कंपनियां जैसे कि इंस्टापैसा, गो पे सेंस, फेयरसेंट, कैशकेयर और वोटफोरकैश या फिर क्रेडिट मार्केट प्लेस जैसे क्रेडिटमंत्री और बैंकबाजारडॉटकॉम लोन देने से पहले न केवल आपकी पे स्लिप, बैंक स्टेटमेंट पर नजर दौड़ाते हैं, बल्कि आपका फोन लोकेशन डेटा, एसएमएस अलर्ट और आपका सोशल मीडिया बिहेवियर भी जांचते हैं। ये प्लेटफॉर्म इसी के आधार पर किसी को लेन देने से पहले उसकी विश्वसनीयता जांचते हैं।
क्रेडिटमंत्री और बैंक बाजार डॉट कॉम रियायती दरों पर लोन उपलब्ध कराने के लिए ग्राहक और बैंक के बीच पुल के तौर पर काम करते हैं। इंस्टापैसा के सीआईओ निशिल सामा कहते हैं, ‘हम गूगल की वर्ड की हिस्ट्री और ग्राहक द्वारा विजिट की गई वेबसाइट के डेटा के आधार पर उसकी पर्सेनेलिटी का अध्ययन करते हैं। हमारा अल्गोरिदम भावनात्मक अध्ययन पर आधारित है। ट्विटर आदि पर यूजर्स का व्यवहार भी हम देखते हैं।’