इंग्लैंड दौरे से वन-डे और टेस्ट मैच सीरीज हार कर लौटी टीम इंडिया को हर तरफ से आलोचना का सामना करना पड़ा है. भारत 3 मैचों की वन-डे सीरीज 1-2 से और 5 मैचों की टेस्ट सीरीज 1-5 से हारा था. इंग्लैंड में मिली इस हार के लिए रवि शास्त्री की कोचिंग, विराट कोहली की कप्तानी, टीम सलेक्टर्स की सलेक्शन और खिलाड़ियों के परफॉर्मेंस पर कई सवाल उठाए गए. अब तो टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने भी खिलाड़ियों को चेतावनी दे दी है. उनका कहना है कि अगर खिलाड़ी परफॉर्म नहीं करेंगे तो नए चेहरों को मौका दिया जाएगा.
भारत ने इस साल विदेशी सरजमीं पर 6 टेस्ट गंवाए हैं, जबकि मुख्य कोच रवि शास्त्री कह रहे हैं कि यह विदेशी दौरा करने वाली भारत की सर्वश्रेष्ठ टीम है. भारतीय टीम अब दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलेगी जिसे डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ की सेवाएं उनके बैन के कारण नहीं मिला पाएंगी और कोहली की अगुआई में टीम वहां अपने प्रदर्शन को सुधारने की कोशिश करेगी.
इंग्लैंड दौरे के बाद टीम इंडिया और इसके चयन पर उठाए जा रहे सवालों पर मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटव्यू में कहा कि काफी मौके मिलने के बाद भी यदि खिलाड़ी परफॉर्म नहीं कर पाते तो युवाओं को मौके दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हम डोमेस्टिक क्रिकेट और इंडिया ए के लिए खेलने वाले युवा क्रिकेटरों पर नजर रख रहे हैं. जो खिलाड़ी अच्छा कर रहे हैं उन्हें जरूर मौका दिया जाएगा.
मयंक के सवाल पर दिया ये जवाब
मयंक अग्रवाल को अब तक टीम इंडिया में मौका नहीं दिए जाने के सवाल पर एमएसके प्रसाद का कहना है कि हमारी कमेटी लगातार डोमेस्टिक क्रिकेट और क्रिकेटरों पर नजर बनाए हुए है. पिछले 10 महीनों में मयंक अग्रवाल ने बेहतरीन परफॉर्म किया है. आपको पता होना चाहिए कि हमने मयंक की काबलियत को पहचाना है और कर्नाटक के हेड कोच और असिस्टेंट कोच से बात भी की है. हम लगातार मयंक पर नजर बनाए हुए हैं. वह बहुत अच्छा कर रहे हैं और जल्दी ही उन्हें इसका ईनाम भी मिलेगा.
विराट के अलावा नहीं चले बल्लेबाज
इस सीरीज में कप्तान विराट कोहली ने सीरीज के दौरान 2 शतक और 3 अर्धशतकों की मदद से 593 रन बनाए और इस दौरान प्रतिद्वंद्वी गेंदबाज जेम्स एंडरसन के साथ उनका संघर्ष लोगों के लिए देखने लायक रहा. सीरीज में भारत के दूसरे सर्वोच्च स्कोर लोकेश राहुल रहे, जिन्होंने 299 रन बनाए. हालांकि, इसमें से 149 रन उन्होंने महज औपचारिकता के अंतिम मुकाबले में बनाए जिसमें दबाव नहीं था.
टीम के चयन में रहीं कई खामियां
भारत के लिए हालांकि सबसे बड़ी समस्या टीम के चयन में कुछ खामियां रहीं. ट्रेंट ब्रिज टेस्ट में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने एक शतक भी जड़ा, लेकिन इससे पहले उन्हें काउंटी क्रिकेट में खराब फॉर्म में कारण पहले टेस्ट से बाहर कर दिया गया. इस टेस्ट विशेषज्ञ बल्लेबाज ने सीरीज में 278 रन बनाए.
टेस्ट क्रिकेट में हार्दिक पांड्या की ऑलराउंड क्षमता में कोहली के अति विश्वास पर भी सवाल उठाए जा सकते हैं. उन्होंने 164 रन बनाए जिसमें ट्रेंट ब्रिज में अर्धशतकीय पारी उन्हें उस समय खेली जब भारत पारी घोषित करने की ओर बढ़ रहा था. इसके अलावा 4 टेस्ट में वह बल्ले से प्रभावी प्रदर्शन करने में नाकाम रहे. पांड्या के पास छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने का रक्षात्मक कौशल नहीं है और स्विंग लेती गेंदों के खिलाफ उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. मुरली विजय और शिखर धवन भी लगातार सीरीज में फ्लॉप रहे
बल्लेबाजों के अलावा पिच और टीम सलेक्शन में भी नाकाम विराट
विराट कोहली दुर्भाग्यशाली रहे कि उन्होंने पांचों टेस्ट में टॉस गंवाए लेकिन पिच को पढ़ने की उनकी क्षमता और टीम संयोजन को लेकर काफी सुधार की गुंजाइश है. एजबस्टन में दूसरा स्पिनर नहीं चुनना गलती थी, जबकि पिच से टर्न और उछाल मिल रहा था. परेशानी उस समय बढ़ गई जब लॉर्ड्स में 2 स्पिनरों के साथ उतरा गया, जबकि हालात तेज गेंदबाजी के अनुकूल थे. भारत संभवत: तेज गेंदबाजों के अपने सर्वश्रेष्ठ समूह के साथ उतरा जिन्होंने हालात का फायदा उठाया लेकिन वे कई मौकों पर इंग्लैंड के निचले क्रम को समेटने में नाकाम रहे जिसने जज्बा दिखाया.
कप्तान विराट कोहली ने इंग्लैंड सीरीज के दौरान यह परखने में गलती की कि उनके साथी खिलाड़ी इंग्लैंड के मुश्किल हालात के लिए उतने तैयार नहीं हैं, जितने वह स्वयं हैं. हालांकि, इंग्लैंड में मिली इस हार के बाद कोच रवि शास्त्री का कहना है कि ”मैं यह नहीं कहूंगा कि हम बुरी तरह नाकाम रहे लेकिन हमने कोशिश की. हमें जहां जरूरी हो, वहां श्रेय देना चाहिए.”