नई दिल्ली: स्टॉक मार्केट से कमाई करने वालों को अब ज्यादा टैक्स देना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में संकेत दिए हैं और कहा है कि जो लोग इस मार्केट से मुनाफा कमा रहे हैं, उन्हें टैक्स देकर देश निर्माण की प्रक्रिया में भागीदारी करनी
लग सकता है ज्यादा टैक्स
महाराष्ट्र के रायगढ़ में नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सिक्यॉरिटीज मार्केट के नए कैंपस का उद्घाटन करने के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया यह संकेत इसलिए भी अहम है क्योंकि वित्त मंत्री अरुण जेटली और उनके डेप्युटी अर्जुन मेघवाल इस मौके पर मौजूद थे।
फिलहाल, स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई पर लगने वाला टैक्स, बॉन्ड्स और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे अन्य माध्यमों के जरिए होने वाली कमाई के मुकाबले काफी कम है।
बजट से करीब महीनेभर पहले प्रधानमंत्री के इस संकेत के बाद फाइनैंशनल सेक्टर के खिलाड़ियों का मानना है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स लगाया जा सकता है।
‘इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंड्स जुटाएं कैपिटल मार्केट्स’ इस दौरान पीएम ने कहा, ‘जो लोग फाइनैंशल मार्केट्स से फायदा उठाते हैं उन्हें टैक्स देकर राष्ट्र निर्माण के कार्य में अपना योगदान देना चाहिए। विभिन्न कारणों से, जो लोग मार्केट्स से पैसा कमाते हैं, उनसे मिलनेवाली टैक्स की रकम कम रही है। कुछ हद तक ऐसा गैरकानूनी गतिविधियों और धोखाधड़ी की वजह से हो सकता है। इसे रोकने के लिए, सेबी को बहुत ज्यादा चौकस होना होगा।
टैक्स में कम योगदान के पीछे हमारे टैक्स नियमों का ढांचा भी एक वजह हो सकता है। कुछ तरह के फाइनैंशल इनकम पर कम या जीरो टैक्स रेट दिया गया है। मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि आप मार्केट के भागीदारों का सरकारी खजाने में सहयोग पर विचार कीजिए। हमें इसे एक निष्पक्ष, प्रभावशाली और पारदर्शी तरीके से बढ़ाने संबंधी तरीकों पर विचार करना चाहिए।’
खाते-पीते लोगों पर निशाना
पीएम ने इस दौरान अमीर और खाते-पीते लोगों को भी निशाने पर लिया और कहा कि स्टॉक मार्केट्स को सिर्फ गिने-चुने नहीं बल्कि बड़ी आबादी को फायदा पहुंचाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मार्केट्स को किसानों सहित हमारे समाज के बड़े हिस्से को फायदा पहुंचाना चाहिए।
सफलता का असली पैमाना गांवों पर पड़ने वाला प्रभाव है ना कि दलाल स्ट्रीट और लुटियंस दिल्ली पर होने वाला असर। इस चीज को ध्यान में रखकर, हमें लंबा रास्ता तय करना है।’
देशहित में कड़े फैसले
पीएम ने इस दौरान यह भी कहा कि सरकार देशहित में भविष्य में भी नोटबंदी जैसे सख्त कदम उठाती रहेगी। उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य विकसित भारत बनाना है इसके लिए हम कठोर कदम भी उठा सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही GST कानून लागू करना चाहती है ताकि कारोबार करने में होने वाली जटिलताओं को कम किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। आलोचकों ने भी भारत के विकास की तारीफ की है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के दौर में भी भारत को एक उम्मीद की तरह देखा जा रहा है।’