प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता केके मिश्रा ने 7 मार्च 2015 को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि व्यापमं के जरिए सीएम शिवराज ने की ससुराल गोंदिया से 19 लोगों का परिवहन आरक्षक भर्ती में चयन हुआ है. इस बात सीएम शिवराज ने दिल से ले लिया था और कोर्ट में परिवाद का ममला लेकर पहुंचे थे. आज केके मिश्रा के खिलाफ लगाए गए मानहानि केस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बयान दर्ज कराने के लिए जिला अदालत पहुंचे. 
केके मिश्रा इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गए और मामले को दूसरी अदालत में शिफ्ट करने की गुजारिश भी की मगर उन्हें निराशा ही हाथ लगीं थी. मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई लोगों के बयान अदालत में दर्ज कर लिए गए है.
भारतीय दंड विधान की धारा 199 के तहत प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री, मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी की मानहानि करता है तो सरकार की ओर से न्यायालय में प्रकरण दायर किया जा सकता है. उसी के तहत लोक अभियोजक आनंद तिवारी ने न्यायालय में प्रकरण दायर किया था. मामला काफी पुराना है और फ़िलहाल कोई खास कार्यवाही इस पर नहीं हुई है.
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