अनुशासनहीन, लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई जारी है। ताजा मामला मथुरा के उपायुक्त (श्रम रोजगार) वीरेंद्र कुमार का है, जिन्हें अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता के आरोप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निलंबित करने का आदेश दिया है। निलंबन अवधि में वह कार्यालय आयुक्त, ग्राम्य विकास, लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे। मामले की जांच के लिए संयुक्त विकास आयुक्त, आगरा मण्डल को जांच अधिकारी बनाया गया है। बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।

निलंबित उपायुक्त, श्रम रोजगार, मथुरा वीरेंद्र कुमार पर मनमाने ढंग से कार्य करने, बिना अनुमति कार्यालय से अनुपस्थित रहने और डीएम द्वारा कारण बताओ नोटिस का जवाब न देने सहित अनुशासनहीनता के अनेक आरोप हैं। आए दिन वह छुट्टी पर चले जाते हैं और जवाब मांगने पर जवाब भी नहीं देते। जिलाधिकारी मथुरा ने भी वीरेंद्र कुमार की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जताई थी। मुख्यमंत्री ने इसे आदर्श शासकीय कार्यशैली के विपरीत आचरण माना है और तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है।
इससे पहले, बीते 21 नवम्बर को, ऐसे ही आरोपों में मुख्यमंत्री ने संभल के जिला विकास अधिकारी, रामसेवक को निलंबित कर दिया था। रामसेवक पर उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, आईजीआरएस अंतर्गत आख्या प्रेषित न करने, अधीनस्थों से अभद्रता करने और बगैर समुचित अनुमति के जनपद मुख्यालय से बाहर जाने सहित अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता के अनेक आरोप प्रथमदृष्टया सिद्ध हुए थे।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features