गुजरात की विजय रुपानी सरकारें आज श्रमिक अन्नपूर्णा योजना के तहत 10 रुपये में खाने की योजना शुरू की है. जिसमें काम करने वाले मजदूर को पौष्टिक खाना दिया जाएगा. हालांकि कांग्रेस इसे राजनीति का खाना बता रही है.
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अहमदाबाद के रानीप इलाके में श्रमिक अन्नपूर्णा योजना का एक काउंटर शुरू हुआ है जो 10 रुपये में श्रमिकों को यानी मजदूरों को भरपेट पौष्टिक खाना देता है. खाने में चावल, सब्जी और सुखड़ी मंगलवार को दिए गए. बताया जा रहा है कि सातों दिन का खाना अलग-अलग रहेगा. इसे आज गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने अन्नपूर्णा योजना के नाम से शुरू किया.
यहां से श्रमिकों को दस रुपये में भरपेट भोजन मिलेगा. श्रमिक यहां से खाना पैक करा कर भी ले जा सकेंगे. श्रमिकों को मुहैया करवाया जा रहा ये खाना अक्षयपात्रा एनजीओ के जरिए बनाया जाएगा, जिस वजह से उसे गुणवत्ता में किसी भी तरह का कोई कंप्रोमाइज नहीं किया जाएगा. एक थाली की कीमत 30 रुपये है जिस पर सरकार 20 रुपये की सब्सिडी देगी ताकि गुणवत्तापूर्ण खाना दिया जा सके.
अन्नपूर्णा योजना के तहत पूरे गुजरात में फिलहाल 10 शहरों में ऐसे 2500 से ज्यादा काउंटर खड़े किए गए हैं जिसका फायदा 25000 से ज्यादा श्रमिकों को मिलेगा. चुनाव से पहले शुरू की गई इस अन्नपूर्णा योजना को कांग्रेस राजनीतिक योजना के तौर पर देख रही है.
कांग्रेस के नेता शक्तिसिंह गोहिल का कहना है कि सरकार को ये बहुत पहले शुरू करना चाहिए था. क्योंकि मजदूरों का जो फंड है वो सरकार ने अपने पास ऐसे ही रखा हुआ था. लेकिन अब जब चुनाव आ रहे हैं तब इस तरह की योजना शुरू कर वो गरीबों को सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
साफ है कि गुजरात से पहले राजस्थान में भी अन्नपूर्णा योजना के नाम से गरीबों के लिए स्कीम चल रही है जबकि तमिलनाडु में तो अम्मा ईडली शुरू की गई थी.
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