फिलहाल मामले की सुनवाई मद्रास हाईकोर्ट में चल रही है। इन सभी 18 विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था, जिसके बाद इन्होंने मद्रास हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी थी। इन सभी विधायकों को अन्नाद्रमुक के बागी नेता टीटीवी दिनाकरण के साथ वफादारी निभाने पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इन सभी विधायकों को स्पीकर पी धनपाल ने अयोग्य ठहरा दिया था जिसके बाद सभी ने इस फैसले के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही ठहराया था और कहा था कि स्पीकर के पास इसका अधिकार है। वहीं, बेंच के एक दूसरे जज ने ठीक इसके उल्टा फैसला सुनाया था।
हालांकि हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद फिलहाल पलानीस्वामी सरकार पर कोई खतरा नहीं है। लेकिन अगर कोर्ट स्पीकर के फैसले को गलत ठहराती है तो विधानसभा में पलानीस्वामी सरकार को बहुमत सिद्ध करना पड़ता, जिसमें पलानीस्वामी को विधायकों की पर्याप्त संख्या जुटाने में परेशानी हो सकती थी।