इजराइली खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि चीनी मिसाइलें दक्षिण चीन सागर से गायब हैं। खुफिया फर्म इमेजसैट इंटरनेशनल (आईएसआई) ने नए सैटेलाइट इमेज जारी कर यह दावा किया है। इसमें चीन का सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्‍टम नजर आ रहा है जो कि पहले दक्षिण चीन सागर के पास था। फर्म का दावा है कि इमेजेस से पता चल रहा है कि या तो इस सिस्टम को वहां से हटाया गया है या फिर इसे फिर से स्थापित किया जाएगा। 2016 में चीन ने घोषणा किया था कि इसने दक्षिण चीन सागर के उत्‍तर पश्‍चिमी किनारे पर वुडी आइलैंड में हथियारों को तैनात करेगा। विवादित पैरासेल आइलैंड्स के चेन में सबसे बड़े वुडी आइलैंड में अनेकों चीनी मिलिट्री स्‍थापनाएं हैं। लेकिन फिलहाल इसमें कुछ कमी हुई है। बीजिंग में नेवी एक्‍सपर्ट लि जिए ने बताया कि हो सकता है इन मिसाइलों को अस्‍थायी तौर पर मेंटेनेंस के लिए हटाया गया हो। पिछले महीने, चीन ने दक्षिण चीन सागर में तीन चौकियों पर एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों और सतह से हवा मिसाइल प्रणालियों को स्थापित किया था। तब व्‍हाइट हाउस ने चीन को चेताया कि दक्षिण चीन सागर में इसके बढ़ते सैन्यीकरण के परिणाम भुगतने होंगे। दक्षिण चीन सागर में चीन के रवैये की अमेरिका ने आलोचना की। अमेरिका के अनुसार, चीन परोक्ष और प्रत्यक्ष तौर पर इस इलाके में सैन्य गतिविधियों को बढ़ा रहा है। चीन के इस कदम का वैश्विक स्तर पर दूरगामी असर होगा। बता दें कि फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ताइवान इस क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों पर अपना दावा करते हैं जिसे चीन खारिज करता आया है। चीन ने वाय जे-12बी जहाजरोधी मिसाइल तैनात की हैं, जो 295 समुद्री मील की दूरी तक जहाजों पर हमला कर सकती है। सतह से हवा में मार करने वाली एच क्यू-9बी मिसाइल भी तैनात की गई है जो 160 समुद्री मील तक विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों पर हमला कर सकती है। उल्‍लेखनीय है कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कर वहां अपने सैन्य अड्डे बनाए हैं। चीन दक्षिण चीन सागर में नौवहन पर अंतरराष्ट्रीय नियमों को भी मानने से इंकार करता है।

अपनी जगह से गायब हैं दक्षिण चीन सागर में तैनात चीनी मिसाइलेंः इजरायली एजेंसी

इजराइली खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि चीनी मिसाइलें दक्षिण चीन सागर से गायब हैं। खुफिया फर्म इमेजसैट इंटरनेशनल (आईएसआई) ने नए सैटेलाइट इमेज जारी कर यह दावा किया है। इसमें चीन का सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्‍टम नजर आ रहा है जो कि पहले दक्षिण चीन सागर के पास था। फर्म का दावा है कि इमेजेस से पता चल रहा है कि या तो इस सिस्टम को वहां से हटाया गया है या फिर इसे फिर से स्थापित किया जाएगा।इजराइली खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि चीनी मिसाइलें दक्षिण चीन सागर से गायब हैं। खुफिया फर्म इमेजसैट इंटरनेशनल (आईएसआई) ने नए सैटेलाइट इमेज जारी कर यह दावा किया है। इसमें चीन का सर्फेस टू एयर मिसाइल सिस्‍टम नजर आ रहा है जो कि पहले दक्षिण चीन सागर के पास था। फर्म का दावा है कि इमेजेस से पता चल रहा है कि या तो इस सिस्टम को वहां से हटाया गया है या फिर इसे फिर से स्थापित किया जाएगा।  2016 में चीन ने घोषणा किया था कि इसने दक्षिण चीन सागर के उत्‍तर पश्‍चिमी किनारे पर वुडी आइलैंड में हथियारों को तैनात करेगा। विवादित पैरासेल आइलैंड्स के चेन में सबसे बड़े वुडी आइलैंड में अनेकों चीनी मिलिट्री स्‍थापनाएं हैं। लेकिन फिलहाल इसमें कुछ कमी हुई है। बीजिंग में नेवी एक्‍सपर्ट लि जिए ने बताया कि हो सकता है इन मिसाइलों को अस्‍थायी तौर पर मेंटेनेंस के लिए हटाया गया हो।  पिछले महीने, चीन ने दक्षिण चीन सागर में तीन चौकियों पर एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों और सतह से हवा मिसाइल प्रणालियों को स्थापित किया था। तब व्‍हाइट हाउस ने चीन को चेताया कि दक्षिण चीन सागर में इसके बढ़ते सैन्यीकरण के परिणाम भुगतने होंगे। दक्षिण चीन सागर में चीन के रवैये की अमेरिका ने आलोचना की।  अमेरिका के अनुसार, चीन परोक्ष और प्रत्यक्ष तौर पर इस इलाके में सैन्य गतिविधियों को बढ़ा रहा है। चीन के इस कदम का वैश्विक स्तर पर दूरगामी असर होगा। बता दें कि फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ताइवान इस क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों पर अपना दावा करते हैं जिसे चीन खारिज करता आया है।  चीन ने वाय जे-12बी जहाजरोधी मिसाइल तैनात की हैं, जो 295 समुद्री मील की दूरी तक जहाजों पर हमला कर सकती है। सतह से हवा में मार करने वाली एच क्यू-9बी मिसाइल भी तैनात की गई है जो 160 समुद्री मील तक विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों पर हमला कर सकती है। उल्‍लेखनीय है कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कर वहां अपने सैन्य अड्डे बनाए हैं। चीन दक्षिण चीन सागर में नौवहन पर अंतरराष्ट्रीय नियमों को भी मानने से इंकार करता है।

2016 में चीन ने घोषणा किया था कि इसने दक्षिण चीन सागर के उत्‍तर पश्‍चिमी किनारे पर वुडी आइलैंड में हथियारों को तैनात करेगा। विवादित पैरासेल आइलैंड्स के चेन में सबसे बड़े वुडी आइलैंड में अनेकों चीनी मिलिट्री स्‍थापनाएं हैं। लेकिन फिलहाल इसमें कुछ कमी हुई है। बीजिंग में नेवी एक्‍सपर्ट लि जिए ने बताया कि हो सकता है इन मिसाइलों को अस्‍थायी तौर पर मेंटेनेंस के लिए हटाया गया हो।

पिछले महीने, चीन ने दक्षिण चीन सागर में तीन चौकियों पर एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों और सतह से हवा मिसाइल प्रणालियों को स्थापित किया था। तब व्‍हाइट हाउस ने चीन को चेताया कि दक्षिण चीन सागर में इसके बढ़ते सैन्यीकरण के परिणाम भुगतने होंगे। दक्षिण चीन सागर में चीन के रवैये की अमेरिका ने आलोचना की।

अमेरिका के अनुसार, चीन परोक्ष और प्रत्यक्ष तौर पर इस इलाके में सैन्य गतिविधियों को बढ़ा रहा है। चीन के इस कदम का वैश्विक स्तर पर दूरगामी असर होगा। बता दें कि फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ताइवान इस क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों पर अपना दावा करते हैं जिसे चीन खारिज करता आया है।

चीन ने वाय जे-12बी जहाजरोधी मिसाइल तैनात की हैं, जो 295 समुद्री मील की दूरी तक जहाजों पर हमला कर सकती है। सतह से हवा में मार करने वाली एच क्यू-9बी मिसाइल भी तैनात की गई है जो 160 समुद्री मील तक विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों पर हमला कर सकती है। उल्‍लेखनीय है कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीपों का निर्माण कर वहां अपने सैन्य अड्डे बनाए हैं। चीन दक्षिण चीन सागर में नौवहन पर अंतरराष्ट्रीय नियमों को भी मानने से इंकार करता है।

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