भारतीय सैन्य इतिहास के नायक रहे मार्शल अर्जन सिंह का शनिवार को निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे। उन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय वायुसेना का नेतृत्व किया था। अर्जन सिंह भारतीय वायुसेना के एकमात्र ऐसे अधिकारी रहे जो पांच सितारा रैंक तक पदोन्नत हुए।Daring: दबंगों ने जिम संचालक को अगवा बाल व मूंछ मुड़व डाली!
यह पद भारतीय थलसेना के फील्ड मार्शल के बराबर है। आपको बता दे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के पार्थिव शरीर को सलामी देते हुए उनकी तस्वीर वायरल हो गई थी। 2 साल पहले जब अब्दुल कलाम का निधन हुआ तो अर्जन सिंह उन्हें श्रद्धांजलि देने पालम एयरपोर्ट पहुंचे थे। यहां वो व्हीलचेयर पर आए थे, लेकिन कलाम को सलामी देते वक्त तनकर खड़े हो गए थे और पास जाकर सलामी दी थी।
वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह ने सीमा पर न सिर्फ दुश्मन के दांत खट्टे किए बल्कि देश की राजधानी के लोगों खासकर किसानों के मसीहा बन कर भी सामने आए। उन्होंने राजधानी के किसानों की समस्याओं का समाधान करने और उनको हक दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी। उन्होंने किसानों को कृषि भूमि अधिग्रहण की मुआवजा राशि में भारी बढ़ोत्तरी की थी। इसके अलावा ग्रामीणों एवं अन्य तबके के गरीब लोगों को भारी राहत दी थी। इस तरह उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल के तौर पर कार्य करने के दौरान जय जवान जय किसान के जयघोष को आगे करके कार्य किया।
वर्ष 1989 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बेखदल करने वाले जनता दल ने सत्ता संभालते ही मार्शल अर्जन सिंह को दिल्ली का उपराज्यपाल बनाया था। उस समय दिल्ली के वे ही सर्वेसर्वा थे। क्योंकि महानगर परिषद अब विधानसभा, नगर निगम और पंचायतें भंग थी। इस कारण दिल्ली की समस्याओं के समाधान और विकास कराने के साथ-साथ लोगों को उनको हक दिलाने की उनकी ही जिम्मेदारी थी, जिसका उन्होंने बखूबी से निभाया था। अर्जन सिंह ने उपराज्यपाल का कार्यभार संभालते ही सबसे पहले दिल्ली के किसानों को दोहरे तौर पर राहत देने का कार्य किया।
उन्होंने पहली बार कृषि भूमि की मुआवजा राशि का न्यूनतम मूल्य किया। उनके चलते मुआवजा राशि एक लाख रूपये से बढकर सवा सात लाख रूपये हुई। इतना ही नहीं, उन्होंने इस राशि में प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत बढोतरी का भी प्रावधान किया। इससे यह मुआवजा राशि बढाने के कुछ समय पहले जैतपुर गांव में अधिकृत की गई कृषि भूमि का किसानों को नई दरों के अनुसार मुआवजा दिया। इसी तरह पालम गांव दादा देव मंदिर की अधिग्रहित कई एकड़ भूमि को अधिग्रहण के दायरे बाहर किया।
उपराज्यपाल रहते हुए अर्जन सिंह ने अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले गरीब लोगों को भी बडी राहत देने का कार्य किया। उन्होंने 48 अनधिकृत कालोनियों को नियमित किया। इन कालोनियों के लोग करीब डेढ दशक से अपनी कालोनी नियमित होने का इंतजार कर रहे थे, इन कालोनियों के साथ बसी 567 कालोनियों को नियमित कर दिया गया था, मगर ये कालोनी किसी कारणवश नियमित होने से वंचित हो गई थी। इसी तरह कई इलाकों में विभिन्न कारणों से लोगों के मकानों पर तोडफोड की लटकी तलवार को दूर किया।
ग्रामीणों को लेकर रहते थे चिंतित मार्शल: तारीफ सिंह मार्शल अर्जन सिंह के उपराज्यपाल काल के दौरान राजधानी के बाहरी दिल्ली क्षेत्र से सांसद रहे चैधरी तारीफ सिंह ने उनके कई अनुभव अमर उजाला के साथ साझा किए। उस दौरान दिल्ली में वह जनता दल के एक मात्र सांसद थे।
चौधरी तारीफ सिंह बताते है कि अजुन सिंह हमेशा उनसे ग्रामीणों के बारे में बात करते थे और वह गांवों में चलने पर जोर देते थे। वह ग्रामीणों को लेकर इतने चिंतित रहते थे कि जब भी बडी संख्या में ग्रामीण उनसे मिलने के लिए आते थे तो वह उनका प्रतिनिधिमंडल बुलाने के बजाए उपराज्यपाल सचिवालय से बाहर निकलकर उनके बीच आ जाते थे। वह पूरी तरह जय जवान और जय किसान के प्रतीक थे। उन्होंने सेना में रहते हुए जय जवान का कार्य किया और दिल्ली के उपराज्यपाल के तौर पर उन्होंने जय किसान का नारा बुलंद किया।