US ने कहा- हाफिज सईद पर 10 मिलियन डॉलर का ईनाम, चुनाव लड़ना चिंता की बात
पाक अखबार ‘डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक एहसान इकबाल ने चीन-पाक आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के लिए 2017 से 2030 के बीच लांग टर्म योजना की आधिकारिक लांचिंग के वक्त इस बारे में चर्चा की। चीनी राजदूत याओ जिंग की मौजूदगी में इस योजना पर 21 नवंबर को दोनों देशों के बीच दस्तखत हो चुके हैं। पाक मंत्री ने बताया कि चीन चाहता है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार युआन में हो, इसलिए हम अमेरिकी डॉलर के बजाय युआन के इस्तेमाल पर विचार कर रहे हैं। यह पाक के लिए लाभदायक ही साबित होगा।
अमेरिका के साथ बिगड़ते रिश्तों के बीच पाकिस्तान का चीन की इस मांग को स्वीकार करना एक बड़े बदलाव के रूप में माना जा रहा है, क्योंकि चीन अपनी मुद्रा का वैश्वीकरण करना चाहता है। ऐसे में सीपीईसी पर सहयोग के बहाने चीन को भविष्य में एक बड़ा बाजार मिलने की उम्मीद है। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सिर्फ डॉलर का ही इस्तेमाल होता है। यद्यपि चीनी मुद्रा को डॉलर का दर्जा देने में अभी तीन साल का समय लगेगा।