उन्होंने बताया कि योगी सरकार ने इन पदों को नियमित चयन प्रक्रिया पूरी होने या अगले शैक्षिक सत्र अवकाश प्राप्त शिक्षकों से भरने की मंजूरी दे दी है। 70 वर्ष के अंदर की उम्र वाले शिक्षकों की संविदा पर नियुक्ति की जाएगी। प्रवक्ता को 20 हजार रुपये प्रतिमाह व सहायक अध्यापक को 15 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
इसी तरह प्रदेश के सात पुराने और दो नए राजकीय होम्योपैथिक कालेजों में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। 369 शिक्षकों के सृजित पदों में से 261 और पैरामेडिकल स्टाफ के सृजित 409 पदों में से 380 पद खाली हैं। लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से इनके चयन में अभी समय लगने की संभावना है। इसलिए कैबिनेट ने संविदा के आधार पर इन पदों को भरने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। सिंह ने बताया कि 65 वर्ष की उम्र तक कर्मी इन पदों पर रखे जा सकेंगे।
चंदौली केसाहूपुरी में 400 केवी का उपकेंद्र बनाने को हरी झंडी
लखनऊ। प्रदेश कैबिनेट ने चंदौली में 400 केवी उपकेंद्र की स्थापना को मंजूरी दी है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि साहूपुरी में बनने वाले इस उपकेंद्र से चंदौली के साथ गाजीपुर व वाराणसी तक तय शेड्यूल के हिसाब से सुचारु बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। शर्मा ने बताया कि इस उपकेंद्र के निर्माण पर 414.41 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कैबिनेट के इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने इस फैसले केलिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है। सिंह ने बताया कि कुंभ व महाकुंभ का आयोजन किस तरह से हो, कुंभ की व्यवस्था को इस तरह तैयार किया जाए कि वह महाकुंभ के भी काम आए, प्राधिकरण यह सब जिम्मेदारी निभाएगा। मंडलायुक्त इलाहाबाद की अध्यक्षता में गठित इस प्राधिकरण में आईजी जोन इलाहाबाद व डीएम इलाहाबाद उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा कुंभ की तैयारी के लिए मेला अधिकारी की नियुक्ति भी जल्दी ही कर दी जाएगी।
सिंह ने बताया कि कुंभ मेले का प्रचार-प्रसार पूरे विश्व में किया जाएगा। इसमें 12 से 13 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। इस मेले के जरिए यूपी को शो-केश किया जाएगा। इस मेले के सफल आयोजन से देश की भी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। इसकी तैयारियों को लेकर लगातार निर्णय किए जा रहे हैं।
कैबिनेट बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि विशेषज्ञों की राय है कि गेहूं और जौ प्रमाणिक बीजो के प्रयोग से उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत तक वृद्धि होती है। कैबिनेट ने प्रमाणिक बीजों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अनुदान में वृद्धि की है। पहले प्रमाणिक बीजों के प्रयोग पर प्रति कुंतल 400 रुपये कर अनुदान मिलता था। अब इसे बढ़ाकर 600 रुपये कर दिया गया है। अनुदान की रकम सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि बाढ़ या जलभराव से किसानों के खेत में बालू, मोरंग आदि आ जाती है। जिससे खेती करने में दिक्कत आती है। सरकार ने खनिज परिहार नियमावली में संशोधन कर किसानों को मोरंग-बालू निकालने की अनुमति देने का फैसला किया है। इसके लिए उन्हें 2000 रुपये के शुल्क के साथ डीएम के यहां आवेदन करना होगा। किसानों को रायल्टी का भुगतान एडवांस में करना होगा। उन्हें तीन माह में इसे निकालने की अनुमति दी जाएगी। इससे खनन सामग्री की बाजार में उपलब्धता बढ़ेगी, दाम गिरेंगे और किसानों को भी खनन सामग्री की बिक्री से फायदा होगा।
इसके अलावा किसान अब अपना घर बनाने के लिए 10 ट्राली मिट्टी अपने खेतों से निकाल सकेंगे। किसानों को इस सुविधा के लिए डीएम के यहां आवेदन करना होगा। भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक बलकार सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि एक्सप्रेस-वे, सड़कों या अन्य विकास कार्यों से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए मिट्टी की उपलब्धता से जुड़ी कार्रवाई प्राथमिकता पर कराएं।
मंडी परिषद से यूनीफाइड लाइसेंस शुल्क 90 हजार घटाया
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कृषि उत्पादन मंडी समिति नियमावली के अंतर्गत यूनीफाइड लाइसेंस के लिए छोटे कारोबारियों को 1 लाख रुपये शुल्क देना पड़ता था। कैबिनेट ने कृषि उत्पादन मंडी नियमावली में संशोधन कर यूनीफाइड लाइसेंस शुल्क में 90 हजार रुपये की कमी कर दी है। इससे छोटे कारोबारी ई-मंडी से जुड़ेंगे।
पुष्टाहार आपूर्ति कर रही संस्था को तीन महीने और मौका
लखनऊ। बाल विकास पुष्टाहार विभाग में पुष्टाहार की आपूर्ति कर रही संस्था को ही अगले तीन महीने का और मौका मिल गया है। कैबिनेट ने कहा है कि अनुपूरक पोषाहार की आपूर्ति वर्ष 2013 के ही दरों पर की जाएगी। ई-टेंडर से कार्यवाही चयन होने या तीन महीने तक मौजूदा व्यवस्था ही लागू रहेगी। इससे पहले भी सरकार कई बार इसकी समयसीमा बढ़ा चुकी है।
गोरखपुर का पुराना निरीक्षण भवन गिराया जाएगा
लखनऊ। प्रदेश कैबिनेट ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण के अंतर्गत बने पुराने निरीक्षण भवन को गिराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। यह 3.54 एकड़ क्षेत्रफल में बना है।
सहकारी चीनी मिलों के लिए बैंक गारंटी शुल्क माफ
यूपी सहकारी चीनी मिल संघ के लिए यूपी सहकारी बैंकों की साख सीमा बढ़ाने व गारंटी शुल्क माफ करने से जुड़े प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई है। 2016-17 में बैंक की नकद शाख सीमा 2001.14 करोड़ रुपये थी। इसे 2017-18 के लिए बढ़ाकर 2307.48 करोड़ कर दिया गया है। इसके साथ ही 5.77 करोड़ रुपये शासकीय गारंटी शुल्क भी माफ कर दिया गया है।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन समस्याओं की गुणवत्तापूर्ण सुनवाई के लिए पहले दिन से ही प्रयासरत हैं। वह स्वयं तो जनसमस्याएं नियमित रूप से सुनते ही हैं, जनता को पास में समस्याओं के समाधान के लिए तहसील संपूर्ण समाधान दिवस व थाना समाधान दिवस की व्यवथा लागू की है। जनसुनवाई पोर्टल पर भी समस्याएं प्राप्त कर समाधान कराया जा रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय की निगरानी में स्थापित होने वाले मेगा काल सेंटर के जरिए टोल फ्री नंबर पर शिकायत की सुविधा भी दी जाएगी।
शर्मा ने बताया 500 सीट क्षमता वाला यह इनबाउंट व आउटबाउंड कालसेंटर लखनऊ में स्थापित होगा। इसके लिए टोलफ्री नंबर भी जल्दी ही तय कर दिया जाएगा। यह नई व्यवस्था दूसरे विभागों केटोल फ्री नंबर और शिकायत प्लेटफार्म के अलावा होगी। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस नए टोलफ्री नंबर पर आने वाली शिकायतों पर की गई कार्रवाई का अधिकारी शिकायतकर्ता को फोनकर फीडबैक लेंगे। गलत रिपोर्ट या सही कार्यवाही न होने पर सख्त कार्रवाई होगी।
नई नीति के तहत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में फल, फूल, सब्जी, मसाले, शहद, औषधीय एवं सगंध फसलें, मशरूम को शामिल किया गया है। इसके अलावा कृषि उत्पाद जैसे खाद्यान्न, दलहन और तिलहन, मिल्क पाउडर, शिशु दुग्ध आहार, माल्टेड मिल्क फूड, घी, अन्य डेयरी उत्पाद शामिल हैं।
वहीं पोल्ट्री, अंडा, मांस, मांस उत्पाद के आइटम, मछली, डबल रोटी, भोजन (खाद्य), नाश्ता आहार, मिष्ठान, कोको आइटम, चॉकलेट उत्पादन समेत, माल्टेड एक्स्ट्रैक्ट, प्रोटीन आईसोलेट, अधिक प्रोटीन वाले खाद्य, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए विशेष पैकेजिंग, रिफर व्हीकल्स, मोबाइल प्री कूलिंग वैन, पोस्ट हार्वेस्ट प्रबंधन आधारित इंफ्रास्ट्रक्चर एवं एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर आधारित इंफ्रास्टक्चर का सृजन को भी इसमें जगह दी गई है।
नई नीति में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण पर प्लांट मशीनरी, एवं तकनीकी सिविल के कार्य की लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम 50 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत प्रदेश में स्थापित होने वाली इकाइयों तथा मेगा फूड पार्क परियोजनाओं जिनमें न्यूनतम पूंजी निवेश 50 करोड़ या उससे अधिक होने पर लागत का 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राज्य सरकार देगी।
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि पीएम आवास योजना-शहरी के तहत 2022 तक शहर के सभी पात्र परिवारों को आवास उपलब्ध कराया जाना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मिशन पर सरकार तेजी से काम कर रही है।
केंद्र इस मिशन के चार कंपोनेंट्स में से अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप कंपोनेंट के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस आवासों के लिए 1.50 लाख अनुदान देती है। जबकि प्रदेश सरकार एक लाख रुपये देती है। इस अनुदान के लिए कम से कम 250 आवास तथा कुल आवासों का न्यूनतम 35 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए होना अनिवार्य है। ईडब्ल्यूएस आवासीय इकाइयों का न्यूनतम कारपेट एरिया 22.77 वर्ग मीटर तथा अधिकतम कारपेट एरिया 30 वर्ग मीटर होगा। इस योजना के लिए फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 2.5 एवं अधिकतम घनत्व 600 आवासीय इकाइयां प्रति हेक्टेयर होगा। कुल एफएआर के अधिकतम 10 प्रतिशत का ही व्यवसायिक उपयोग हो सकेगा।
सिंह ने बताया कि चयनित विकासकर्ताओं को स्वीकृत इंसेंटिव के तहत अन्य सुविधाओं के साथ-साथ भू-उपयोग परिवर्तन की देयता से पूरी तरह छूट रहेगी। इसके अलावा वाह्य विकास शुल्क में भी 50 प्रतिशत रियायत मिलेगी। विकासकर्ता कोई गड़बड़ी न कर सकें इसलिए योजना का क्रियान्वयन रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अॅथारिटी से होगा। विकासकर्ता को वित्तीय सहायता की पहली व दूसरी किस्त 40-40 प्रतिशत की मिलेगी। तीसरी किस्त 20 प्रतिशत सरकारी अभिकरण के माध्यम से दी जाएगी।