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अभी-अभी: CM योगी ने लिया अहम फैसला, अब स्वास्थ्य केंद्रों पर दूर होगी डॉक्टरों की कमी

अभी-अभी: CM योगी ने लिया अहम फैसला, अब स्वास्थ्य केंद्रों पर दूर होगी डॉक्टरों की कमी

प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एमबीबीएस चिकित्सकों की कमी को 2800 संविदा आयुष चिकित्सकों की तैनाती से पूरा किया जाएगा। किराए पर चलने वाले आयुर्वेदिक अस्पताल बंद करके उनके चिकित्सकों की तैनाती सरकारी अस्पतालों में की जाएगी। ये आयुष चिकित्सक 15 एलोपैथिक दवाएं भी लिख सकेंगे।अभी-अभी: CM योगी ने लिया अहम फैसला, अब स्वास्थ्य केंद्रों पर दूर होगी डॉक्टरों की कमीPolitics: जानिए क्यों कांग्रेस ने अचानक लखनऊ मेयर प्रत्याशी बदला दिया!

जरूरत पड़ने पर उन्हें एलोपैथिक इलाज का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंगलवार को ये आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि चिकित्सक हर जगह उपलब्ध हों। इसके लिए प्राथमिकता वाले जनपदों में चिकित्सकों की कमी पहले दूर की जा रही है।

खासतौर से ऐसे प्राथमिक व अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर जहां एमबीबीएस या आयुष कोई भी नियमित या संविदा का चिकित्सक तैनात नहीं है वहां पर आयुष चिकित्सक तैनात किए जाएंगे। जिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक हैं, ऐसी स्थिति में चिकित्सा ईकाइयों के कार्यभार या आवश्यकता के आधार पर संविदा आयुष चिकित्सकों की तैनाती की जाएगी।

ये चिकित्सक गंभीर रूप से सभी सभी बीमार रोगियों की प्रारंभिक देखभाल व चिकित्सा के बाद उन्हें उच्च चिकित्सा सुविधाओं वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला अस्पताल पर रेफर कर सकेंगे।  प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य प्रशांत त्रिवेदी ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, सचिव आयुष, एनएचएम निदेशक आदि को एक सप्ताह के अंदर चिकित्सकों की तैनाती कर यह प्रमाण पत्र जारी करना होगा। कि जनपद के हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर उपलब्ध हैं।

संविदा एमबीबीएस डॉक्टर भी होंगे तैनात

लोक सेवा से आयोग से 2065 चिकित्सक चयनित होकर आए हैं। प्रदेश में मौजूदा सरकार जब सत्ता में आयी थी तो 7500 चिकित्सकों की कमी थी। 7 महीने में 4 हजार चिकित्सकों की कमी पूरी की है। लोक सेवा आयोग से 2065 चिकित्सक चयनित होकर आए हैं। इनकी तैनाती की प्रक्रिया भी शीघ्र पूरी की जाएगी। एक हजार एमबीबीएस डॉक्टर भी संविदा पर तैनात किए जाएंगे।

आयुष चिकित्सक मेडिकोलीगल, पोस्टमार्टम, आईवी (नसों के अंदर) इजेंक्शन लगाना, शुद्ध आयुर्वेदिक /यूनानी शल्यकर्म, क्षार सूत्र शल्यकर्म  काम नहीं कर पाएंगे। शासन नें ेनिर्देश दिए हैं कि जिला स्तर पर संचालित आयुष विंग में तीनों विधा के एक-एक संविदा चिकित्सक के साथ एक-एक संविदा चिकित्सक के साथ एक-एक स‌ंविदा आयुष फार्मासिस्ट भी तैनात किया जाए।

15 एलोपैथिक दवाएं लिख सकेंगे, प्रशिक्षण भी देंगे:  किराए पर चल रहे आयुर्वेदिक अस्पताल बंद कर एक सप्ताह में होगी तैनाती। 

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